उत्तराखण्ड का ग्रामीण क्षेत्र खुले में शौच मुक्त देश का चौथा राज्य
देहरादून। उत्तराखण्ड ग्रामीण क्षेत्र में खुले में शौच की प्रथा से मुक्त-ओडीएफ-देश में चौथा राज्य बन चुका है। चालू वितीय वर्ष में उत्तराखण्ड के नगरीय क्षेत्र को भी खुले मे शौच की प्रथा से मुक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। गुरूवार को एएमएन घोष ऑडिटोरियम ओएनजीसी में उत्तराखण्ड राज्य के खुले में शौच की प्रथा से मुक्त हो जाने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में केन्द्रीय पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर की उपस्थिति में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इस अवसर पर कहा कि 22 जून 2017 का दिन उत्तराखण्ड राज्य के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन एवं मील का पत्थर है। आज उत्तराखण्ड का ग्रामीण क्षेत्र ओडीएफ घोषित हुआ है। इस अवसर पर राज्य सरकार ने संकल्प लिया है कि राज्य के शहरी क्षेत्र को भी चालू वितीय वर्ष में खुले में शौच की प्रथा से मुक्त किया जाएगा। खुले में शौच की प्रथा से मुक्ति अति आवश्यक है। खुले में शौच की आदतों से न केवल अनेक रोग पैदा होते है बल्कि इसका व्यापक दुष्प्रभाव पर्यावरण तथा सभी प्राणियों पर पड़ता है। मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में स्वच्छ भारत मिशन के अर्न्तगत खुले में शौच की प्रथा से मुक्ति ने महाअभियान का रूप ले लिया है।
इस अवसर पर केन्द्रीय पेयजल तथा स्वच्छता मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर कहा कि उत्तराखण्ड के ग्रामीण क्षेत्र का ओडीएफ होना अति प्रसन्नता का अवसर है। इस उपलब्धि हेतु राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत नेतृत्व में इस मिशन से जुड़े सभी अधिकारी व कार्मिक, जनप्रतिनिधि, पंचायत प्रतिनिधि एवं जनता बधाई की पात्र है।
इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री एवं मुख्यमंत्री द्वारा स्वच्छता प्रर्दशनी का अवलोकन किया गया तथा ओडीएफ मिशन को सफल बनाने में योगदान करने वाले पंचायत अध्यक्षो, अधिकारियों, ग्राम प्रधानों, मोटिवेटरों को सम्मानित किया।
कार्यक्रम में विधायक विनोद चमोली, मदन लाल शाह, मुख्य सचिव एस.रामास्वामी, सचिव पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय भारत सरकार परमेश्वर अय्यर, प्रमुख सचिव मनीषा पंवार आदि उपस्थित थे।
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