उत्तराखंड

उत्तराखण्ड वन विभाग मुख्यालय में ई-आॅफिस कार्यप्रणाली शुरू – भालुओं व बंदरों से निजात को बनेंगे रेस्क्यू सेंटर

डीबीएल ब्यूरो

देहरादून। देहरादून की राजपुर रोड स्थित उत्तराखण्ड वन विभाग मुख्यालय में ई-आॅफिस कार्यप्रणाली का मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उन्होंने घोषणा की कि चमोली एवं पिथौरागढ़ में भालुओं के लिए एक-एक रेस्क्यू सेंटर बनाया जायेगा। बंदरों के लिए चार रेस्क्यू सेंटर बनाने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया है। झाझरा में ‘आनंद वन’ सिटी फाॅरेस्ट को विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री ने साधना जयराज को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री ने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि ई-आॅफिस प्रणाली को जल्द ही जिला एवं क्षेत्रीय कार्यालयों में भी विस्तारित किया जाय। उन्होंने कहा कि डिजिटल कार्यप्रणाली की ओर हम जितने तेजी से बढ़ेंगे, उतनी तेजी से जन समस्याओं का निदान होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले वर्ष हरेला पर्व पर एक करोड़ फलदार वृक्ष लगाये जायेंगे। राज्य में पिरूल एकत्रीकरण पर राज्य सरकार द्वारा 02 रूपये प्रति किग्रा एवं विकासकर्ता द्वारा 1.5 रूपये प्रति किग्रा एकत्रकर्ता को दिया जा रहा है। इसका उपयोग ऊर्जा के लिए तो किया ही जायेगा, लेकिन इसका सबसे फायदा वन विभाग को होगा। वनाग्नि और जंगली जानवरों की क्षति को रोकने में यह नीति बहुत कारगर साबित होगी। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर गरीबों के लिए स्वरोजगार के लिए पिरूल एकत्रीकरण का कार्य एक अच्छा माध्यम बन रहा है।

मुख्य वन संरक्षक जयराज ने कहा कि ई-आॅफिस प्रणाली गुड-गवर्नेंस की दिशा में एक अच्छी पहल है। वन विभाग द्वारा इस प्रणाली को जिला, क्षेत्रीय कार्यालयों एवं वन पंचायतों तक विस्तारित किया जायेगा। काॅर्बेट नेशनल पार्क में आॅनलाईन बुकिंग शुरू की गई है, जिसके अच्छे परिणाम मिले हैं। वन विभाग द्वारा रिजाॅट्र्स में भी आॅनलाईन बुकिंग की प्रक्रिया शुरू करने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार रविन्द्र दत्त ने कहा कि ई-आॅफिस प्रणाली से फाइलों की ट्रेकिंग में आसानी के साथ ही लोगों की समस्याओं का त्वरित समाधान हो रहा है।

इस अवसर पर वन विभाग के सलाहकार एवं ग्रामीण विकास एवं पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डाॅ. एसएस नेगी, अध्यक्ष वन पंचायत सलाहकार समिति वीरेन्द्र सिंह बिष्ट, पीसीसीएफ रंजना काला, विनोद कुमार सिंघल, मुख्य वन संरक्षक आईटी नरेश कुमार एवं वन विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button