उत्तराखंड

विकास की आस : रुद्रप्रयाग में सड़क के लिए पांचवें दिन भी क्रमिक-अनशन जारी

सेम-स्वीली-डुंगरी मोटरमार्ग व दरमोला-डुंगरी-स्वीली मोटरमार्ग की मांग :

रुद्रप्रयाग। सेम-स्वीली-डुंगरी मोटरमार्ग व दरमोला-डुंगरी-स्वीली मोटरमार्ग निर्माण की मांग को लेकर ग्राम पंचायत स्वीली-सेम (भरदार) के ग्रामीणों ने अब आर-पार की लड़ाई का मन बना दिया है। ग्रामीणों ने सरकार को चेताया है कि जल्द ही मोटरमार्ग निर्माण की कार्यवाही शुरू नहीं हुई तो ग्रामीण सड़कों पर उतरने को मजबूर हो जाएंगे। वहीं सड़क को लेकर ग्रामीणों का क्रमिक-अनशन पांचवे दिन भी जारी रहा। ग्रामीणों ने मोटरमार्ग के लिए पांच फरवरी को जिला मुख्यालय में प्रस्तावित प्रदर्शन में अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होने का भी आह्वान किया है।

मंगलवार को पंचायत भवन स्वीली में चल रहे अनशन स्थल पर सड़क की मांग कर रहे ग्रामीणों ने कहा उनकी मांग पूरी होने के बाद ही अब अनशन खत्म होगा। अनशन पर बैठे बुजुर्ग ग्रामीणों का कहना है कि हम जीवन के अंतिम पड़ाव पर हैं और हम चाहते हैं कि देह त्यागने से पूर्व गांव में मोटरमार्ग पहुंचे। सड़क की इंतजारी में हमारी आंखे पथरा गई है। ग्रामीणां ने कहा कि पिछले एक दशक से सरकार के चौखट पर दस्तक देते-देते थक चुके हैं। अब सरकार को हमारी मांग पूरी करनी पड़ेगी, या फिर हमारे आक्रोश का सामना करना पड़ेगा।

सुविधा न होने से बढ़ रहा पलायन :

ग्राम पंचायत स्वीली-सेम की आबादी करीब तीन सौ है और यहां पर लगभग सौ परिवार से अधिक हैं, लेकिन आज भी ग्रामीण मोटरमार्ग की सुविधा से वंचित हैं। सड़क न होने से गांव से लगातार पलायन होता जा रहा है। गांव के खेत बंजर पड़ चुके हैं। स्थिति यह है कि प्राथमिक विद्यालय स्वीली में आज सिर्फ तीन बच्चे ही रह गए हैं। यह स्कूल बंदी की कगार पर है।

मंगलवार को अनशन पर बैठने वालों में हरीश चन्द्र डिमरी, विजयानंद डिमरी, बृजमोहन डिमरी, द्वारिका, हरिदत्त, शुभम, पुष्पांनद डिमरी, बलवीर सिंह रावत, बामदेव, बच्ची देवी आदि ग्रामीण शामिल थे।

इस मौके पर ग्रामीण ब्रह्मानंद डिमरी, कुसुमलता, विष्णु प्रसाद, पूर्णानंद, कस्तूरी देवी, पितांबरी देवी, पुष्पा देवी, ज्योति देवी, गोदाम्बरी देवी, राधा देवी, मथुरा देवी, मुन्नी, ऋषि प्रसाद, राजेश्वरी देवी, सुषमा देवी, प्रभा देवी, सरला देवी, हेमा देवी, पृथा देवी, विजेश्वरी, कादंबरी, साक्षी, पवनप्रकाश डिमरी, शैलेश प्रसाद, मोहन सिंह, सरला देवी कुसुमलता, राजू आदि मौजूद थे।

Key Words : Uttarakhand, Rudraprayag, Road Dimand, Villagers, Villagers, Movement Aggravated

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