हर श्रद्धालु की स्वास्थ्य सुरक्षा हमारी प्राथमिकता- डॉ. आर. राजेश कुमार
अब तक 5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य स्क्रीनिंग

डीबीएल संवाददाता / देहरादून।
उत्तराखंड में जारी चारधाम यात्रा में इस बार न सिर्फ श्रद्धालुओं की आस्था को बल्कि उनके स्वास्थ्य और सुरक्षा को भी सर्वाेच्च प्राथमिकता दी गई है। स्वास्थ्य विभाग ने यात्रा के दौरान संभावित स्वास्थ्य जोखिमों को कम करने के लिए व्यापक तैयारियां की हैं। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निर्देशन में राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य सेवाओं की ऐसी प्रभावशाली व्यवस्था की गई है, जिसके तहत अब तक 5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य जांच (स्क्रीनिंग) की जा चुकी है।
स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि चारधाम यात्रा में प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं, जिनमें बड़ी संख्या में वृद्ध, हृदय व सांस रोगियों के अलावा पहाड़ी क्षेत्र में पहली बार आने वाले लोग भी होते हैं। इनके लिए ऊंचाई, ठंड और ऑक्सीजन की कमी स्वास्थ्य संबंधी गंभीर जोखिम बन सकती है। इसी को ध्यान में रखते हुए इस बार स्वास्थ्य सेवाओं को त्रिस्तरीय स्तर पर सशक्त बनाया गया है।
यात्रा मार्ग पर सशक्त स्वास्थ्य ढांचा:
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि राज्य सरकार की प्राथमिकता इस वर्ष केवल तीर्थयात्रियों की संख्या ही नहीं, बल्कि प्रत्येक श्रद्धालु की सुरक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित करना है। इसके लिए हम तकनीक, विशेषज्ञता और मानव संसाधन तीनों पर समांतर रूप से कार्य कर रहे हैं। रुद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी जैसे चारधाम जिलों में इस बार 49 स्थायी स्वास्थ्य केंद्र और 20 मेडिकल रिलीफ पोस्ट (डत्च्) को सक्रिय किया गया है। वहीं ट्रांजिट जिलों-हरिद्वार, देहरादून, टिहरी और पौड़ी में भी मजबूत स्वास्थ्य व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं। यात्रा प्रारंभ बिंदुओं पर 57 स्क्रीनिंग कियोस्क लगाए गए हैं, जिनमें हरिद्वार और ऋषिकेश में 2-2, विकासनगर में 2 और पौड़ी के कलियासौड़ में 1 नया स्क्रीनिंग सेंटर जोड़ा गया है।
154 एंबुलेंस और हेली सेवा हर समय तैयार:
यात्रा मार्ग पर 154 एंबुलेंस तैनात हैं, जिनमें 82 स्वास्थ्य विभाग की और 72 “108 NAS” सेवा की एंबुलेंस हैं। इस बार पहली बार हेली एंबुलेंस सेवा को भी जोड़ते हुए इसे एम्स ऋषिकेश के सहयोग से संचालित किया जा रहा है, जिससे अत्यधिक गंभीर मरीजों को तुरंत विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधा मिल सके।