जौनसार बाबर के वीर योद्धा नन्तराम नेगी ने दुश्मन को चटाई थी धूल
पंकज भार्गव
उत्तराखंड राज्य की पहचान देवभूमि के साथ ही वीरभूमि के नाम से भी विख्यात है। देश रक्षा के लिए अग्रिम पंक्ति में तैनात यहां के वीर सैनिक देश के रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने को हर दम मुस्तैद हैं। यहां के योद्धाओं की वीर गाथायें किसी परिचय की मौहताज नहीं है। पुराने समय से ही माटी के प्यार की खातिर दी गई अनेकों कुर्बानियों को आज भी यहां गांव-गांव में सुना जा सकता है। ऐसी वीरगाथाओं में जौनसार बाबर क्षेत्र में नन्तराम नेगी की वीरता के किस्से यहां रहने वाले हर वाशिंदे से सुने जा सकते हैं।
देहरादून जिले के चकराता विकासखंड में स्थित है वीर योद्धा नन्तराम नेगी का पैतृक गांव मलेथा। स्थानीय ग्रामीण श्याम सिंह राठौर नन्तराम नेगी की वीरता के किस्से बेहद गर्व के साथ सुनाया। राठौर बताते हैं कि पुराने समय में जौनसार बाबर क्षेत्र वर्तमान समय में हिमाचल प्रदेश के नाहन राज्य की सीमा में शामिल था। उस दौर में मुगल शासकों ने पूरे भारत में कब्जा करने की ठानी हुई थी। इसी नीयत के साथ मुगलों ने नाहन राज्य पर भी आक्रमण बोल दिया था। ऐसे समय में जौनसार बाबर क्षेत्र के मलेथा निवासी वीर नन्तराम नेगी अपनी तलवार लेकर नाहन राज्य के सेना के साथ युद्ध के मैदान में कूद गए थे और उन्होंने मुगल सेनापति की गरदन धड़ से अलग कर दी थी। जिसके बाद युद्ध में मुगल सेना को वापस लौटना पड़ा था।
यह वीरगाथा सुनाते समय श्याम सिंह राठौर बेहद भावुक हो गए थे। उनके साथ मौजूद अन्य ग्रामीण देवेन्द्र सिंह चैहान, भज राम, शमशेर सिंह, आलम सिंह आदि ने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि वह चाहते हैं कि नई पीढ़ी तक ऐसी वीरगाथायें पहुंचना जरूरी है, जिससे उनका मागदर्शन हो सके और वह भी अपने पूर्वजों से सीख ले सकें। उन्होंने बताया कि यदाकदा क्षेत्र वासी और सामाजिक संगठन नन्तराम नेगी को श्रद्धा सुमन अर्पित कर नमन कर लेते हैं। उन्होंने यह मांग भी उठाई है कि उत्तराखंड सरकार जौनसार बाबर की संस्कृति और क्षेत्र की राष्ट्रप्रेम की भावना की खातिर नन्तराम नेगी की स्मृति में कुछ कदम जरूर उठाये जिससे राज्य का गौरव बना रहे।
Key Words : Uttarakhand, Jaunsar Babar, heroic warrior, Nantaram Negi, Enemy