उत्तराखंड

जंगलों को बचाने के लिए वन पंचायतों की भूमिका अहम् : मंगेश घिल्डियाल

रुद्रप्रयाग। शैक्षिक भ्रमण पर आए 32 प्रशिक्षु फॉरेस्ट रेंजर अधिकारियों ने रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल से वार्ता की। राजकीय इण्टर कॉलेज रुद्रप्रयाग में आयोजित कार्यक्रम में जिलाधिकारी ने प्रशिक्षुआें को प्रशासन, जनता व वन के संबंध के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि वन पंचायतों की भूमिका को सक्रिय कर जंगलों को सुरक्षित रखा जा सकता है। इसके लिए ग्रामीणों से निरन्तर बातचीत की जाए, इससे विभाग व गांव में सामंजस्य बना रहेगा और ईकोटूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा।

जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा सैंचुरी क्षेत्र में किसी प्रकार का बाह्य दखलअंदाजी नहीं होनी चाहिए। विकासात्मक कार्यो के लिए वनों का दोहन किया जाता है, यह जरूरी भी है कि विकास हो। वनों के दोहन के बदले में वन विभाग सरकार की नीति के तहत उससे दोगुने स्थानों पर पौधारोपण करता है, मगर यह सुनिश्चित किया जाय कि जितने पौधे लगाए गए हैं वे जीवित रहें। इनका रख-रखाव विभाग द्वारा किया जाय। वनों को संरक्षित रखना वन विभाग का दायित्व है। इसके लिए सतत् विकास पर जोर दिया जाना चाहिए। कहा कि अपने दायित्वों का पारदर्शिता व ईमानदारी से निर्वहन किया जाय। इस अवसर पर प्रशिक्षुआें ने जिलाधिकारी से यूपीएससी की तैयारी को लेकर प्रश्न पूछे गये कि किस प्रकार से लेखन कला को अच्छा बनाया जा सकता है। जिलाधिकारी ने लेखन कला के विषय में कहा कि यह आवश्यक है कि जितने प्रश्न पूछे गए है उन्हें हल किया जाय। इसके लिए प्रतिस्पर्द्धी की लिखने की गति तेज व लिखावट सुंदर होनी आवश्यक है, जिससे इक्जामिनर को आसानी से समझ आ सके। इसके लिए रोज अभ्यास किया जाय तो लेखन कला अच्छी हो जाती है।

इस अवसर पर प्रशिक्षुओं के टूर निदेशक सुरेश देशपाण्डे ने कहा कि वन विभाग जनता व वन के हितों में संतुलन बनाकर कार्य करे, जिससे सकारात्मक परिणाम मिलेंगे। अपने अधीनस्थों पर भरोसा व हाइयर अधिकारी के प्रति वफादारी ही असली सफलता है।

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