देश का पांचवा साइंस सिटी बनेगा दून – मुख्यमंत्री ने झाझरा में किया शिलान्यास
डीबीएल संवाददाता/देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रविवार को विज्ञानधाम, झाझरा में साइंस सिटी का भूमि पूजन व शिलान्यास किया। साइंस सिटी के लिए केन्द्र सरकार ने 134 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार से मसूरी पेयजल योजना के लिए 124 करोड़ रूपये की धनराशि की स्वीकृति मिल चुकी है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वाले डाॅ. बृज मोहन शर्मा को 02 लाख रूपये व प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सांइस सिटी का निर्माण कार्य जल्द पूरा किया जायेगा।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने कहा कि है साइंस सिटी के लिए इस क्षेत्र को इसलिए चुना गया क्योंकि यहां पर अनेक शिक्षण संस्थान हैं। देशभर से छात्र यहां पर शिक्षा ग्रहण करने लिए आते हैं। यह साइंस सिटी बड़े आर्कषण का केन्द्र बनेगी। इस संस्थान के बनने के बाद यहां पर अनेक वैज्ञानिक गतिविधियां होंगी। जिससे हमारी नई पीढ़ी वैज्ञानिक अन्वेषणों और गतिविधियों से प्रेरित होगी। उन्होंने कहा कि यह विज्ञान केन्द्र युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा केन्द्र बनेगा। यह देश की पांचवी साइंस सिटी होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पानी की समस्या का समाधान करना राज्य सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में है। उन्होंने कहा कि आने वाले 3 साल में देहरादून जिले की 60 प्रतिशत जनसंख्या को ग्रेविटी वाॅटर पर लाने का लक्ष्य रखा गया है। सोंग बांध भी 50 साल तक जल स्तर की समस्या को समाप्त करने में सहायक होगा। सौंग बांध पर कार्य प्रारम्भ होने के बाद 350 दिनों में पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। इससे प्रतिवर्ष सवा करोड़ रूपये की बिजली की बचत भी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचेश्वर बांध पर भी हमने कैबिनेट में निर्णय लिया उससे भी हम ग्रेविटी वाॅटर पूरे ऊधम सिंह नगर को देंगे। पौड़ी में झील का निर्माण किया जा रहा है जिसकी क्षमता 80 करोड़ लीटर की होगी। गैरसेंण, पिथौरागढ़ आदि स्थानों पर भी इस तरह की योजनाएं बनाई जा रही हैं।
विधायक सहदेव सिंह पुण्डीर ने कहा कि उत्तराखण्ड में साइंस सिटी बनने के बाद, यहां होने वाली अनेक वैज्ञानिक गतिविधियों व नई तकनीक के प्रयोग बच्चों को विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोगों व शोध के लिए प्रेरित करेगें। वैज्ञानिकों द्वारा दिये जाने वाले व्याख्यान व अन्य गतिविधियां भविष्य में आकर्षण का केन्द्र बनेंगे।
इस अवसर पर सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आरके सुधांशु, निदेशक यूकाॅस्ट डाॅ. राजेन्द्र डोभाल, एचएनबी गढ़वाल यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति पद्मश्री एएन पुरोहित, प्रमुख वन संरक्षक जयराज आदि उपस्थित थे।