ग्रीन एक्शन वीक इंडिया-2019: सामुदायिक सहभागिता कार्यशाला में पर्यावरण बचाने पर किया मंथन
देहरादून/डीबीएल संवाददाता। पर्यावरण बचाने की मुहिम में सभी की सहभागिता महत्वपूर्ण पहलू है। इस दिशा में सरकार की ओर से हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन पर्यावरण को जीवित रखने के लिए हर व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारी को भी समझना होगा तभी भावी पीढ़ी के लिए स्वच्छ वातावरण की परिकल्पना को साकार किया जा सकता है। कट्स इंटरनेशनल की पहल पर ग्रीन एक्शन वीक इंडिया-2019 के तहत अभिव्यक्ति सोसाइटी द्वारा आयोजित सामुदायिक सहभागिता कार्यशाला के दौरान यह बात खण्ड विकास अधिकारी धीरज सिंह रावत ने अपने संबोधन में कही। इस अवसर पर गति फाउंडेशन और वेस्ट वाॅरियरर्स संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने पर्यावरण बचाने के अपने अनुभवों को प्रतिभागियों के साथ साझा किया।
ग्रीन एक्शन वीक इंडिया-2019 कार्यक्रम के अन्तर्गत बुधवार को रायपुर विकासखण्ड के सभागार में सामुदायिक सहभागिता कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में अभिव्यक्ति सोसाइटी द्वारा बनाए गए स्वयं सहायता समूहों एवं सामाजिक सरकारों से जुड़ी महिलाओं ने प्रतिभाग किया। अभिव्यक्ति सोसाइटी की प्रिया जाडू ने सभी आमंत्रित अतिथियों का स्वागत करते हुए ग्रीन एक्शन वीक इंडिया के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम की रूपरेखा के बारे में विस्तार से बताया। सामूदायिक सहभागिता के बिना किसी भी मुहिम के लक्ष्य को पाना असंभव है। उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की ओर से स्कूली बच्चों को पर्यावरण संरक्षण मुहिम से जोड़ने के अलावा घरों में इस्तेमाल न होने वाले अनावश्यक रूप से रखे सामान जिसमें कपड़े, जूते, किताबों आदि को समाज के जरूरतमंद वर्ग के साथ साझा करने का कार्य किया जा रहा है, जिसमें महिलाओं व सभी वर्गाें का सहयोग बढ़चढ़कर मिल रहा है।
गति फाउंडेशन के विदूष पांडे एवं प्यारे लाल ने प्लास्टिक के कचरे से होने वाले दुष्प्रभावों और रोकथाम को लेकर कई बिन्दुओं पर विस्तार से बताया गया। उन्होंने कहा कि उनकी संस्था द्वारा प्लास्टिक के कचरे को कम करने के लिए तीन बिन्दुओं एम.के.पी. के तहत लोगों को जागरूक किया जा रहा है जिसमें एम फाॅर मना करो, के फाॅर कम करो और पी फाॅर फिर से इस्तेमाल करो रखा गया है।
वेस्ट वाॅरियरर्स की कार्यकर्ता जया एवं सुलग्ना ने कहा कि कूड़े कचरे के निस्तारण में सफाई कर्मियों की भूमिका अहम् है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जब हमें अपने परिवेश की साफ-सफाई के लिए स्वयं पहल करनी होगी। उन्होंने स्लाइड प्रजनटेंशन के माध्यम से कई महत्वपूर्ण पहलुओं की जानकारी दी।
कार्यशाला के दौरान एबीडीओ विजयंती गैरोला, सामाजिक कार्यकर्ता सुनीता थापा, अभिव्यक्ति सोसाइटी की गीताजंली ढौंढियाल, लक्ष्मी मिश्रा ने भी अपने विचार रखे। कार्यशाला के समापन पर दामिनी ममगाईं ने सभी का आभार जताते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए इस तरह की कार्यशालाओं का आयोजन निश्चित तौर पर मील का पत्थर साबित होंगे।
कार्यशाला में पुष्पा भाकूनी, प्रमिता मल्ला, रचना, मंजू शर्मा, यमुना, सुनीता देवी, रिंकी मधववाल, हेमलता, बनीता, प्रेमलता जुयाल, आशा देवी, ममता कन्नौजिया, सुनिता, राजकुमारी पाठक, पूनम, तनूजा सहित दर्जनों महिलाओं ने प्रतिभाग किया और स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अपने विचार रखे।