उत्तराखंड
साहसिक पर्यटन : द्रोणागिरी ट्रैक पर ट्रैकर्स रवाना
चमोली। साहसिक पर्यटन को बढा़वा देने के लिए द्रोणागिरी ट्रैक का जोशीमठ से शुभारंभ किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में क्षेत्रीय विद्यायक महेन्द्र भट्ट ने हरी झंडी दिखाकर ट्रैकर्स को द्रोणागिरी टै्किंग के लिए रवाना किया। टै्रकिंग दल में दिल्ली, मुम्बई, जयपुर, नेहरू पर्वतारोहण, ओएनजीसी, आईटीबीपी के 80 ट्रैकर्स शामिल हैं।
रविवार को मुख्य अतिथि विधायक महेन्द्र भट्ट ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभांरम्भ करते हुए कहा कि प्रदेश में धार्मिक एवं साहसिक पर्यटन की आपार सम्भावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि द्रोणागिरी टै्रक पर पर्यटक सुविधाएं विकसित कर हर साल टै्किंग करायी जायेगी। उन्होंने सभी ट्रैकर्स को शुभकामनाएं दीं। इस दौरान द्रोणागिरी ट्रैक पुस्तिका का भी विमोचन किया गया।
इस मौके पर केदारनाथ के विधायक मनोज रावत, पूर्व विधायक केदार सिंह फोनिया, ब्लाक प्रमुख प्रकाश रावत, नगर पालिका अध्यक्ष रोहिणी रावत, जीएमवीएन के एमडी अतुल गुप्ता व कार्यक्रम के नोडल अधिकारी हरक सिंह रावत, सीडीओ विनोद गोस्वामी आदि मौजूद थे।
द्रोणागिरी ‘ट्रैक ऑफ द ईयर 2017’ किया गया है घोषित :
द्रोणागिरी ट्रैक को राज्य सरकार द्वारा टै्रक ऑफ द ईयर 2017 घोषित किया गया है। नीति घाटी में जोशीमठ से लगभग 40 किमी दूरी पर जुम्मा नामक स्थान से शुरू होने वाले द्रोणागिरी ट्रैक का पहला पढ़ाव रूईन तथा दूसरा द्रोणागिरी गांव पडता है जो समुद्र तल से 3622 मीटर की ऊॅचाई पर स्थित है। जुम्मा से द्रोणागिरी गांव तक 9 किमी का पैदल ट्रैक है। द्रोणागिरी गांव से लगभग 8 किमी ऊॅचाई पर द्रोणागिरी पर्वत है जहॉ तक टै्किंग की जानी है। यह क्षेत्र जडी-बूटी बाहुल्य क्षेत्र है। द्रोणागिरी पर्वत के बारे में मान्यता है कि त्रेता युग में हनुमान जी इसी पर्वत से संजीवनी बूटी लेकर गये थे। द्रोणागिरी में द्रोणागिरी देवता, द्रोणागिरी पर्वत व नन्दी कुण्ड आदि धार्मिक पर्यटन स्थल हैं।
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