(एक मुलाकात) : आॅन लाइन पढ़ाई के श्रेष्ठ शिक्षक जसवंत सिंह बिष्ट
उदय राम ममगाईं
भाई जसवंत सिंह बिष्ट जी के पास आज बैठने का मौका मिला जो पेशे से एक शिक्षक हैं। वर्तमान में राजकीय प्राथमिक विद्यालय चैंण्डा, पट्टी चैथान पौड़ी गढ़वाल में सहायक अध्यापक के पद पर अपनी सेवायें दे रहे हैं। यह स्कूल पौड़ी जिले के दूरस्थ इलाके दुर्गम क्षेत्र का स्कूल है। बिष्ट जी ने 2009 में शिक्षा विभाग को ज्वाइन किया था। इन्होंने वीर चंद्र सिंह गढ़वाली जी के गांव मासो में भी कार्य किया। यह पौड़ी जिले का सबसे पुराना 1956 का स्कूल है। अमूमन देखा जाता है कि जॉइनिंग के बाद अक्सर शिक्षक देहरादून के चक्कर काटने लगते हैं कि उन्हें सही जगह सुगम में पोस्टिंग मिल जाए। बिष्ट जी ने ऐसा कभी नहीं किया और आज तक निरंतर पूरी कर्मठता और जज्बे के साथ नई पीढ़ी को शिक्षित करने में जुटे हैं। अपनी तरफ से भी जो छात्रों के लिए बन पड़ता है वह करते हैं। पिछले एक साल से कारोना के चलते सभी स्कूल बंद है लेकिन बिष्ट जी ऑनलाइन माध्यम से बच्चों को पूरी निष्ठा के साथ पढ़ाई करा रहे हैं।
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, चड़ीगांव पौड़ी के निर्देशानुसार जसवंत सिंह बिष्ट विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं जवाहर नवोदय विद्यालय, सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा की तैयारी आनलाईन के माध्यम से निरंतर करवा रहे हैं। इस कार्य के लिए उन्हें जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान की और से विभिन्न मंचों पर सम्मानित किया गया। उन्हें प्रतियोगिता परीक्षा तैयारी के जिला कोऑर्डिनेटर के रूप में आईटीसी का सम्मान भी मिल चुका है। यह सम्मान उन्हें डॉक्टर नारायण प्रसाद उनियाल और प्राचार्य डॉ महावीर सिंह कलेठा द्वारा प्रदान किया गया यह ऑनलाइन पढ़ाने में श्रेष्ठ कार्य के लिए दिया गया। जसवंत सिंह बिष्ट ने जिला स्तर पर टीएलएम प्रतियोगिता में लगातार दो बार प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया। यह पुरस्कार शिक्षा में नवाचार करने वाले शिक्षकों को मिलता है। आपके मागदर्शन की बदौलत कई बच्चों ने नवोदय प्रवेश परीक्षा में अपना स्थान बनाया।
व्यवहारिक दृष्टि से बिष्ट जी बहुत ही हंसमुख खुशमिजाज और मृदुभाषी व्यक्ति हैं। हमारे समाज और देश के उज्जवल भविष्य की खातिर आज जसवंत सिंह बिष्ट जी जैसे शिक्षकों की सख्त जरूरत है।