सीएम ने किया ‘‘भारतः हमें क्या सिखा सकता है‘‘ पुस्तक का विमोचन
देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरूवार को न्यू कैंट रोड स्थित जनता मिलन हाॅल में विख्यात दार्शनिक मैक्स मूलर की अंग्रेजी पुस्तक ‘‘इंडियाः व्हाॅट कैन इट टीच अस’’ के हिन्दी अनुवाद भारत: हमें क्या सिखा सकता है‘‘ पुस्तक का विमोचन किया। पुस्तक का अनुवाद जानेमाने लेखक एवं साहित्यकार प्रकाश थपलियाल ने किया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मैक्समूलर ने वेदों की जानकारी को भारत से बाहर ले जाने का प्रयास किया है। भारत जैसे देश में जहां की ‘‘विविधता में एकता’’ को समझना भारतीय लोगों के लिए ही कठिन कार्य है वहाँ मैक्समूलर ने भारत और वेदों को समझने का प्रयास किया और विदेशों में भारतीय इतिहास एवं संस्कृति की जानकारी देने का कार्य किया। मुख्यमंत्री ने प्रकाश थपलियाल को मैक्स मूलर की पुस्तक का हिन्दी अनुवाद करने पर शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रकाश थपलियाल द्वारा लिखित अन्य पुस्तकों का भी अवलोकन किया।
गुरूवार को कार्यक्रम में भारत: हमें क्या सिखा सकता है‘‘ के अनुवादक प्रकाश थपलियाल ने कहा कि इस पुस्तक में मूलतः यह बताने का प्रयास है कि वेद आर्यों की सामूहिक विरासत हैं और चूंकि वेद केवल भारत में संजो कर रखे गए हैं इसलिए मानव सभ्यता को समझने के लिए भारत को समझना जरूरी है। उन्होंने जर्मन, यूनानी, लेटिन, स्लाव, अरबी आदि अनेक भाषाओं में उपलब्ध एक जैसे शब्दों के आधार पर यह बताने का प्रयत्न किया है कि आर्यों में कभी महाविभाजन हुआ था। इसलिए भारत और कई पश्चिमी देशों में आज भी कई एक जैसे शब्द मिलते हैं। उन्होंने संस्कृत को प्राचीनतम मानते हुए यूनानी और लेटिन जैसी प्राचीन भाषाओं की बड़ी बहन बताया है। वे कहते हैं की वेद भारत में जन्मे हैं क्योंकि इतनी बौद्धिक उंचाई प्राप्त करने के लिए जिस तरह की सुरक्षित और साधन-सम्पन्न, आदर्श जलवायु भारत में थी उतनी अन्यत्र नहीं। मैक्स मूलर का एक भाषण भारतीयों की सत्यवादिता को लेकर भी है और वे यह सिद्ध करने का प्रयास करते हैं कि यह सत्यवादिता उन देशों के मुकाबले कहीं ज्यादा है जो स्वयं को अधिक सभ्य होने का दावा करते हैं। मैक्स मूलर के संस्कृत ज्ञान को देखते हुए कई भारतीय विद्वानों ने उन्हें मोक्षमूलर भट्ट नाम दिया था।
इस अवसर पर वित्त मंत्री प्रकाश पंत, पूर्व मुख्य सचिव इंदु कुमार पांडे, साहित्यकार चारू चन्द चन्दोला, स्वामी विरेन्द्रानन्द सहित कई साहित्यकार और प्रबुद्धजन मौजूद थे।
Key Words : Uttarakhand, Dehradun, CM, India: What Can Teach Us, Book Release