उत्तराखंड में आपदा न्यूनीकरण के लिए “डिजास्टर रिस्क एसेसमेंट डाटा बेस” लांच
देहरादून। बुधवार को देहरादून के एक स्थानीय होटल में आपदा प्रबंधन पर राज्य स्तरीय एक दिवसीय सेमीनार का आयोजन किया गया। सेमीनार में वित्त मंत्री प्रकाश पन्त द्वारा ’’डिजास्टर रिस्क एसेसमेंट डाटा बेस’’ लांच किया गया। इस अवसर पर वित्त मंत्री पंत द्वारा आपदा प्रबन्धन चक्र के महत्वपूर्ण बिन्दु न्यूनीकरण, पुनर्वास, आपदा जोखिम, रिकवरी पर विशेष बल दिए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि आपदा को रोका तो नहीं जा सकता है, किन्तु इसे कम से कम किये जाने का प्रयास किया जा सकता है।
वित्त मंत्री पंत ने कहा कि राज्य के सभी विभागों को इससे जोड़ा जाएगा, ताकि अत्यन्त संवेदनशील क्षेत्रों के निर्माण कार्यों को ध्यान में रखते हुए क्रियान्वयन कार्य को किया जा सके। उन्होंने कहा कि अतिवृष्टि के बाद भी हम मानव हानि को रोकने में काफी हद तक सफल हुए है, जो कि प्रदेश में आपदा प्रबंधन की तैयारियों के कारण संभव हो पायी है। उन्होंने कहा कि अनियोजित निर्माण कार्य रोकने के लिये डिजास्टर रिस्क डाटा बेस को सभी विभागों की कार्ययोजना में शामिल किया जायेगा, जिससे आपदा न्यूनीकरण में सहायता मिल सकेगी।
सचिव आपदा प्रबंधन अमित सिंह नेगी ने कहा कि डिजास्टर रिस्क एसेसमेंट डाटा बेस के अन्तर्गत भूकम्प, भूस्खलन एवं अन्य दैवीय आपदाओं के प्रति संवेदनशील व अति संवेदनशील स्थानों को चिन्हित् किया गया है, जिसके अनुसार ही रिस्क डेटा बेस को तैयार किया गया है जिसका उपयोग सरकार की भविष्य की नीतियों में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह एक बहेतरीन कदम है आपदा जोखिम एवं न्यूनीकरण की ओर बढ़ने का।
सदस्य एनडीएमए केंद्र सरकार कमल किशोर, एवं अधिशासी निदेशक, एनआईडीएम अनिल कुमार ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड देश का तीसरा ऐसा राज्य है, जिसने आपदा के परिपेक्ष में डिजास्टर रिस्क डेटाबेस को तैयार किया गया है, जो उत्तराखण्ड सरकार तथा जन मानस के लिए काफी उपयोगी रहेगा।
टीम लीडर डीएचआई, सिंगापुर जेवी विद् एशियन इंस्टिट्यूट ऑफ टैक्नालॉजी, थाईलैंड एण्ड ईआरएन, मैसिको टॉम बक्रुट द्वारा प्रतिभागियां को अध्ययन के विषयगत अवगत कराया गया तथा इस अध्ययन में उपयोग में लाए गए डाटा तथा टूल (कैपरा) के बारे में बताया गया एवं उनसे प्राप्त परिणाम से परिचित कराया गया। ईआरएन मैक्सिकों के डॉ.एडवार्डों रेनीसियो, एआईटी के डॉ.मंजुल कुमार, डीएचआई सिंगापुर के डॉ.जुलियन ओलीवर तथा आईआईटी के डॉ.एमएल शर्मा द्वारा भी अपने विचार व्यक्त किये गये।
अपर सचिव आपदा प्रबन्धन सविन बंसल द्वारा उक्त अध्ययन की उपयोगिता से अवगत कराते हुए सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया गया। सेमिनार में उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, विधायक दिलीप सिंह रावत, अपर सचिव डॉ.वी.षणमुगम, निदेशक आपदा प्रबंधन डॉ.पीयूष रौतेला, मौसम विभाग के निदेशक विक्रम चौहान, सहित केंद्र एवं प्रदेश सरकार एवं विभिन्न संस्थानां के करीब 150 विषय विशेषज्ञ मौजूद थे।