पहाड़ के विकास को जनभावनाओं के अनुरूप बनें नीतियां : पुष्पेश त्रिपाठी
देहरादून। उत्तराखंड क्रांति दल के पूर्व अध्यक्ष एवं विधायक पुष्पेश त्रिपाठी ने कहा है कि राज्य सरकार जनता के हितों से न्याय नहीं कर पा रही। उत्तर प्रदेश के साथ परिसंपत्तियों के मामले में जिस तरह सरकार ने उत्तर प्रदेश के सामने घुटने टेके हैं उससे उत्तराखंड को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। यह सरकार की नासमझी और कमजोर होमवर्क को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि केन्द्र में भाजपा की सरकार है, उत्तर प्रदेश में भी और उत्तराखंड में भी तब उसे अपना पक्ष रखने में ज्यादा दिक्कत नहीं होनी चाहिये। त्रिपाठी ने कहा कि पहाड़ का विकास आयोग से नहीं जनता की भावनाओं के अनुरूप नीति बनाने से होगा।
पुष्पेश त्रिपाठी ने कहा कि इसे विडंबना ही कहा जा सकता है कि प्रदेश में तीन पूर्व मुख्यमंत्री जो परिसंपत्तियों के बंटवारे को अच्छी तरह समझते हैं, लेकिन इस दिशा में कार्य नहीं हो पा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के लिये उत्तराखंड सिर्फ सत्ता प्रात करने की सीढ़ी मात्र है। यह पहली बार नहीं हुआ है। जब भाजपा की अंतरिम सरकार बनी थी तो उसने 39 संशोधनों, राजधानी, परिसंपत्तियों और विकल्पधारियों के सवाल को उलझाकर इसे नासूर बनाने के लिये छोड़ दिया गया। तब भाजपा जनता की भावनाओं के अनुरूप राजधानी गैरसैंण के खिलाफ आयोग बनाती है आज वह पलायन पर आयोग बनाने की बात कर रही है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के साथ परिसंपत्तियों का जो बंटवारा हुआ है वह एक तरह से उत्तराखंड की जनता का अपमान है। परिसंपत्तियों के बंटवारे में उत्तराखंड के हिस्से में मात्र 25 फीसदी हिस्सेदारी आयी और 75 फीसदी उत्तर प्रदेश ले उड़ा। सबसे आर्श्चयजनक बात यह है कि कुंभ मेले की जमीन तक को उत्तराखंड नहीं बचा पाया। पुष्पेश ने कहा कि कितना हास्यास्पद है कि जमीन पर तो कब्जा रहेगा उत्तर प्रदेश का और उत्तराखंड को इस पर सिर्फ कुंभ मेला आयोजित करने का अधिकार होगा। इसका एक ही कारण है कि सरकार और उसके अधिकारी परिसंपत्तियों के मामले में अपना पक्ष मजबूती से नहीं रख पाये।
उन्होंने यह भी कहा कि कि सूबे की जनता शराब बंदी को को लेकर आंदोलन कर रही है। महिलायें सड़कों पर हैं। वहीं दूसरी ओर सरकार मोबाइल गाड़ियों से घर-घर शराब पहुंचाने की बात कर रही है। मुख्यमंत्री के पलायन आयोग बनाने को जनविरोधी बताते हुए त्रिपाठी ने कहा कि लोकतंत्र में जनता की भावनाओं के अनुरूप सरकारों को काम करना चाहिये। त्रिपाठी ने कहा कि सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ जनता को साथ लेकर जल्द ही आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी।
Key Words : Uttarakhand, Dehradun, UKD, Policies, Consistent with Public