राज्यपाल ने सूबे के 28 शिक्षकों को ‘गवर्नर्स टीचर्स अवार्ड’ से नवाजा
देहरादून। शिक्षक दिवस के अवसर पर राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल डाॅ. कृष्णकांत पाल ने प्रदेश के स्कूलों के चयनित शिक्षकों को ‘गवर्नर्स टीचर्स अवार्ड’ से सम्मानित किया। सम्मानित होने वाले शिक्षकों में प्रत्येक जिले से चयनित माध्यमिक शिक्षा व प्राथमिक शिक्षा के एक-एक शिक्षक जबकि संस्कृत शिक्षा के लिए राज्य स्तर पर चयनित दो शिक्षकों को सम्मानित किया गया। कुल 28 शिक्षकों को शिक्षा में नवाचार, नामांकन, बेहतर परीक्षा परिणाम, सामाजिक कार्यों, विद्यालय में पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता आदि में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
मंगलवार को राज्यपाल डाॅ. कृष्ण कांत पाल और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दीप प्रज्वलित कर शिक्षक सम्मान कार्यक्रम का विधिवत शुभारम्भ किया। सम्मानित किए गए शिक्षकों को 10-10 हजार रुपए की नकद धनराशि के साथ ही राज्यपाल की ओर से पुस्तकें भी भेंट की गईं। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों के बेहतरीन काम को सार्वजनिक मान्यता देने व अन्य शिक्षकों को प्रेरणा मिल सके, इस उद्देश्य से वर्ष 2015 में राज्यपाल डाॅ. कृष्णकांत पाल द्वारा ‘गवर्नर्स टीचर्स अवार्ड’ प्रारम्भ किए गए थे। इस वर्ष से संस्कृत शिक्षा के भी दो शिक्षकों को सम्मानित किए जाने की शुरूआत की गई है। राज्यपाल ने कहा कि वर्ष 2030 तक भारत में 40 करोड़ युवा होंगे। इन युवाओं को सही दिशा, शिक्षक ही दिखा सकते हैं। राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए जिला स्तर पर टीचर्स रिफ्रेशर कोर्स या इसी प्रकार की गतिविधियां नियमित रूप से आयोजित की जा सकती हैं जहां कि शिक्षकों को नई शिक्षण विधियों से परिचित कराया जाए।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि समाज को नई दिशा दिखाने में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। आज आवश्यकता है कि छात्र-छात्राओं के सर्वांगीण विकास के लिए पुस्तकीय ज्ञान के अतिरिक्त भी विभिन्न गतिविधियों के बारे में जानकारी प्रदान की जाए। गवर्नर्स अवार्ड में संस्कृत शिक्षकों को भी पहली बार पुरस्कार की श्रेणी में शामिल किये जाने पर मुख्यमंत्री ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि संस्कृत संस्कारों को प्रदान करने वाली एक सात्विक भाषा है।
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