उत्तराखंड
आय की खातिर गांवों को निगम में शामिल करना गलत : हरीश

देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि ग्रामीण क्षत्रों को निगमों में शामिल करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन जो गांव पहले शामिल हुए थे, उनका विकास भी नहीं हो पाया जिसकी वजह निगमों के पास अभी तक इस दिशा में ठोस ढांचे का न होना रहा है। इसलिए केवल आय बढ़ाने के लिए गांव निगमों में शामिल नहीं किया जाना चाहिए।
रविवार को कांग्रेस भवन में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मीडिया से बातचीत करते हुए भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा। पूर्व सीएम रावत ने कहा कि प्रदेश में सरकार के नया करने के चक्कर में राज्य के लोगों की परेशानियां और बढ़ रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि डबल इंजन की सरकार ने पेंशन के मामले में एक परिवार से दो लोगों की पेंशन में से एक को खत्म कर दिया इस गलत फैसले को वापस लिया जाना चाहिए।
पूर्व सीएम रावत ने प्रदेश में पानी के रेट बढ़ाये जाने पर सूबे की त्रिवेंद्र सरकार को आड़े हाथ लेते हुए चारधाम यात्रा मार्ग पर हर रोज हो रहे हादसों पर भी चिंता जताई। हेली सर्विस और यात्रियों के पंजीकरण की प्रक्रिया को बदले जाने पर भी उन्होंने सरकार की खिंचाई की।
जल दिवस के आयोजन पर ली चुटकी :
पूर्व सीएम ने कहा कि दुग्ध बोनस के मामले में भी प्रदेश की सरकार बदलाव करने की तैयारी कर रही है, यदि ऐसा किया गया तो उसके नतीजे भी उल्टे ही साबित होंगे। उन्होंने चुटकी ली कि सरकार का जल दिवस आयोजन एक बोतल में रेत भरकर सिस्टर्न में डालने तक सिमट गया। जबकि यह उम्मीद थी कि सरकार वाटर बोनस स्कीम जारी करेगी।
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