पंचायत प्रतिनिधियों का अभिनव प्रशिक्षण कार्यक्रम – पंचायतों को शीघ्र उपलब्ध होंगी ऑनलाइन आधारभूत सेवायें : अरविन्द पाण्डे
देहरादून। पंचायतीराज मंत्री अरविन्द पाण्डे ने दीप प्रज्वलित कर पंचायत प्रतिनिधियों के अभिनव प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कहा कि पंचायतें विकास की मुख्य धुरी हैं। पंचायतों को सशक्त कर देश और प्रदेश को मजबूती प्रदान करना सरकार का प्रमुख लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार पंचायतों को मजबूत बनाने के लिए ऑनलाइन और आधारभूत सेवाओं को शीघ्र उपलब्ध करवाने के लिए संकल्परत है।
सोमवार को दून के सर्वे चौक स्थित आईआरडीटी ऑडिटोरियम में सूबे के पंचायत प्रतिनिधियों के अभिनव प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान पंचायती राज मंत्री अरविन्द पाण्डे ने कहा कि सूबे की सरकार ने शिक्षा एवं युवा कल्याण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं। कक्षा एक से लेकर के 12वीं तक एनसीईआरटी प्रारम्भ की गई है। खेलों को बढ़ावा देने के लिए ब्लॉक, जिला, एवं राज्य स्तर पर विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं आयोजित करने का निर्णय लिया गया है।
सूबे के पंचायतीराज विभाग निदेशक एचसी सेमवाल ने बताया कि पंचायतीराज विभाग द्वारा प्रदेश के पंचायत प्रतिनिधियों एवं कार्मिकों के लिए तीन दिवसीय अभिनव प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ग्राम पंचायत से सम्बन्धित विषयों को साझा करना, ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन नीति 2017 पर जानकारी बढ़ाने के साथ ग्राम पंचायतों द्वारा किए गए विकास कार्यों का स्थलीय अवलोकन कर जानकारी बढ़ाना है।
संयुक्त निदेशक डीपी देवराड़ी ने बताया कि अभिनव प्रशिक्षण कार्यक्रम के पहले दिन ग्राम पंचायतों के लिए उत्तराखण्ड ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नीति 2017, महिला सशक्ततीकरण, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ आदि विषयों पर विशेषज्ञ जानकारी को साझा करेंगे। प्रशिक्षण के दूसरे दिन प्रतिभागियों को दून की आदर्श ग्राम पंचायतों का शैक्षणिक भ्रमण किया जायेगा। इस दौरान ग्राम पंचायतों द्वारा किये गये कार्यों का अवलोकन किया जायेगा। इस दौरान ग्रामीणों से ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, नकद रहित लेन-देन के तहत किये जा रहे कार्यो एवं भावी रणनीति पर चर्चा के साथ ही ग्राम पंचायत द्वारा दी जा रही सेवाओं आदि के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की जायेगी।
सहायक निदेशक मनोज कुमार तिवारी ने कहा कि अभिनव प्रशिक्षण के अंतिम दिन उत्तराखण्ड अधिप्राप्ति नियमावली 2017, जीएसटी, ग्राम पंचायतों में ऑन लाइन सेवाओं एवं ओएसआर आदि विषयों पर जानकारी देने के साथ ही ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों के अनुभवों का अदान-प्रदान किया जायेगा।
विषय विषेशज्ञ विपिन कुमार ने कहा कि उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है जहां ग्राम पंचायतों के लिए उत्तराखण्ड ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नीति 2017 लागू की है, जिसके तहत ग्राम पंचायतों को उपयोग शुल्क लगाने का अधिकार, ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन पर उत्कृष्ट कार्य करने वाली ग्राम पंचायतों को पुरस्कार देने का प्रावधान भी किया गया है।
वरिष्ठ प्रशिक्षक प्रकाश रतूड़ी ने कहा कि उत्तराखण्ड में नकद रहित लेन-देन का प्रोत्साहित करने एवं पंचायतों में ऑनलाइन सेवाओं की दिशा में भी ग्राम पंचायतों में कार्य किया जा रहा है। इस प्रकार 44 हजार जनप्रतिनिधियों एवं कार्मिकों के लिए ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन एवं नगद रहित लेन-देन, पीएफएमएस एवं जीपीडीपी विषय पर ग्राम प्रधानों, क्षेत्र पंचायत प्रमुख, सदस्यों, जिला पंचायत प्रमुखों एवं सदस्यों, आशा, आंगनवाड़ी आदि के लिए क्षमता विकास कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। उत्तराखण्ड में 7954 पंचायतों द्वारा ग्राम पंचायत विकास योजना तैयार की गयी है।
जिला पंचायत राज अधिकारी जफर खान ने पंचायत प्रतिनिधियों से जनसहभागिता के साथ सरकार की योजनाओं को अमलीजामा पहनाने की बात कही।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में काशीरामपुरा की प्रधान सुनीता देवी, डाकपत्थर के प्रधान सुबोध उनियाल, हल्दूचौड़ के प्रधान डीडी खोलिया, अम्बाड़ी की प्रधान बाला चौहान, पिथौरागढ़ के कुसौली के ग्राम प्रधान रघुवीर सिंह, हरिपुर की प्रधान रेखा चौधरी, कुमाऊँ एवं गढ़वाल मण्डल के 300 पंचायत प्रतिनिधियों सहित पंचायतीराज निदेशालय की मेघा शर्मा, कुसुम सेमवाल, श्रीति काला, सतपालराणा, दिनेशगंगवार, अंतरा सुयाल, यशवीर रावत आदि मौजूद रहे।
ये पंचायत प्रतिनिधि कर रहे प्रशिक्षण में प्रतिभाग :
प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रत्येक विकास खण्ड से दो ग्राम प्रधान, एक ग्राम पंचायत अधिकारी सहित पंचायतीराज विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है।
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