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कालसी शिलालेख का उल्लेख गौरवान्वित करने वाला : चौहान

राकेश चौहान / सहिया

भारत के नवनिर्मित संसद भवन में अखंड भारत का एक मानचित्र रखा गया है जिसमें कालसी का भी वर्णित है। उत्तराखंड के देहरादून जिले में स्थित कालसी में ईसा से 250 वर्ष पूर्व सम्राट अशोक के शिलालेखों के अवशेष आज भी मौजूद हैं। इस शिलालेख पर जीवों पर दया करो शांति और वनस्पति व पर्यावरण बचाने के बारे में पाली लिपि में लिखा गया है।

जौनसार बावर का कालसी के प्राचीनता के अनेक प्रमाण धार्मिक शास्त्रों एवं ऐतिहासिक दस्तावेजों में मिलता है। कुलीन जनपद की राजधानी के साथ-साथ महर्षि वेदव्यासऔर चीनी यात्री व्यसन ने 625 से 630 के बीच में इधर भ्रमण किया था। इस बारे में क्षेत्र की संस्कृति को जीवित रखने के लिए कार्यरत लोक पंचायत के वरिष्ठ सदस्य भारत चौहान का कहना है कि भारत के मानचित्र पर कालसी के नाम का उल्लेख न केवल इस क्षेत्र बल्कि प्रदेश के लिए गर्व और सम्मान की बात है। कालसी स्थित शिलालेख में सम्राट अशोक के आंतरिक प्रशासन के साथ ही भगवान बुद्ध के बताये मार्ग का अनुसरण करने का ज्ञान भी मिलता है।

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