राष्ट्रीय वयोश्री योजना : जरूरतमंदों को मिले लाभ तो बने बात
पिछली जनगणना के मुताबिक देश में करीब साढ़े दस करोड़ वृद्ध हैं। इनमें 5.2 फीसद बुजुर्गों की स्थिति शारीरिक रूप से काफी दयनीय है, क्योंकि वे कई तरह की बीमारियों के शिकार हैं। कोई चलने में असमर्थ है तो कोई सुनने में। किसी की दृष्टि कमजोर हो गई है तो कोई विकलांग है। यह स्वागत योग्य है कि केंद्र सरकार बुजुर्गों के लिए राष्ट्रीय वयोश्री योजना शुरू करने जा रही है। पहले इसे जनवरी में शुरू किया जाना था, लेकिन पांच राज्यों में चुनाव आ जाने के कारण यह संभव न हो सका।
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने योजना का विस्तृत खाका तैयार किया है जिस पर मंत्रिमंडल की मुहर लग चुकी है। मंत्रालय ने पिछले दिसंबर में सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर लाभार्थियों की पहचान करने और उनकी सूची तैयार करने के लिए कहा था। मंत्रालय की ओर से कहा गया कि फिलहाल यह योजना गरीबी रेखा से नीचे के बुजुर्गों के लिए लागू की जाएगी। जिस तरह देश में बुजुर्गों की दुर्दशा बढ़ रही है और वे परिवारों में भी उपेक्षा के शिकार हो रहे हैं। आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों में तो वृद्धों की बदहाली है ही, कई बार तो संपन्न घरों में भी वे अपने ही उपेक्षा और तिरस्कार के शिकार होते हैं।
देश में ऐसे वृद्धों की संख्या बहुत बड़ी है, जिनके पास पेंशन या किसी अन्य किस्म की कोई सामाजिक सुरक्षा नहीं है। खासकर किसानों, मजदूरों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों की लाचारी किसी से छिपी नहीं है। परिवारों में गरीबी की मार सबसे ज्यादा बूढ़ों पर ही पड़ती है। उनकी प्राथमिकताओं और जरूरतों को दरकिनार कर दिया जाता उनके साथ ऐसे व्यवहार किया जाता है, जैसे वे परिवार के लिए बोझ हों। ऐसी स्थिति में अगर सरकार उनके लिए मदद का हाथ बढ़ाती है तो यह बेहद सराहनीय पहल होगी। वहीं सरकार की इस पहल की कामयाबी तभी संभव है जब सही आदमी तक योजना का लाभ पहुंचेगा। इस योजना का सही क्रियान्वयन और मूल्यांकन भी किया जाना जरूरी है क्यों कि अक्सर देखा गया है कि इस तरह की योजनाओं में लगने वाले धन की बंदरबांट हो जाती है जिससे जरूरतमंदों तक योजना का सही तरीके से लाभ नहीं पहुंच पाता है।
Key Words : National Vyasrishna Yojana, The Elderly, Benefits, Need