फोटोग्राफी: जो आज है उसे कल के लिए बचाना
गले में कैमरे को लटका कर जगह जगह घूमना और वहां की नायाब दुर्लभ वस्तुओं ,कला संस्कृति, व्यक्ति विशेष अथवा उसकी कला को कैमरे में कैद करना एक फोटोग्राफर का पहला उद्देश्य होता है, लेकिन फोटोग्राफी यहीं पर आकर नहीं रुक जाती बल्कि फोटोग्राफी इससे कहीं आगे बढ़कर है। आधुनिक समय में डिजिटल माध्यमों तेजी से बढ़ने एवं स्मार्टफोंस के फोटोग्राफिक स्किल में अधिक मदद करने के उद्देश्य से बनाए जाने के कारण यह कार्य ज्यादा आसान हो गया है या यूॅं कहें कि फोटोग्राफी के तरीकों का विस्तार हो गया है।
सांस्कृतिक धरोहर को चिरंजीवी बनाने का प्रयास:
फोटोग्राफर अपने कैमरे के क्लिक के माध्यम से चीजों को केवल अपने कैमरे में ही संरक्षित नहीं करता वह घटनाओं से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं विभिन्न स्थानों, आम और खास नागरिकों ,सामाजिक ,सांस्कृतिक धरोहर को भी वह अमरत्व प्रदान कर देता है। यदि फोटोग्राफी का आविष्कार न हुआ होता तो अतीत के कई पन्ने अतीत में ही गुम हो जाते। न उसे हम देख पाते, न समझ पाते।
निरंतर जारी है चित्रों को संजोने का सिलसिला:
फोटोग्राफी का आविष्कार की शुरुआत चित्रों से हुई और आदिम युग से ही आदिमानव ने भी समसामयिक घटनाओं, सांस्कृतिक धरोहर के महत्व को समझते हुए उन्हें चित्रों के माध्यम से परिलक्षित करने का भी प्रयास किया। तभी से यह सिलसिला निरंतर जारी है। वैदिक काल से लेकर गुप्तकालीन स्वर्ण युग से होते हुए मध्यकाल की गलियों से गुजरते हुए आधुनिक काल तक कला को चित्रों के माध्यम से ही प्रदर्शित करने एवं संरक्षित करने का कार्य किया गया। सभ्यता के प्रत्येक चरण में मनुष्य ने चित्रों को अपनी अभिव्यक्ति का माध्यम बनाया, जिसने तत्कालीन चीजों को समझने एवं उनसे विभिन्न अर्थ निकालने का प्रयास किया गया।
आधुनिक युग में फोटोग्राफी का बदलता स्वरूप:
आधुनिक युग में फोटोग्राफी के मायने बदलते रहे हैं। कभी वह कला को प्रदर्शित करने का माध्यम बन रही है, तो कभी रोजगार प्राप्त करने का। फोटोग्राफी एक कौशल है, जिसके माध्यम से कलाकार अपनी संवेदनाओं और अपने नजरिए को दूसरों के सामने रखता है। एक फोटो जर्नलिस्ट समसामयिक घटनाओं, तथ्यों, सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक तत्वों को फोटो के माध्यम से प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया द्वारा जनसामान्य तक पहुंचाता है। वहीं एक शिक्षक, प्रोफेसर अपने विद्यार्थियों को फोटोग्राफी की बारीकियां सिखाता है। बदलते समय के अनुसार फोटोग्राफी के बहुत सारे क्षेत्र खुल गए हैं और बहुत सारे बंद द्वार अभी खुलना शेष हैं अर्थात फोटोग्राफी के विभिन्न क्षेत्रों में अभी अपार संभावनाएं हैं। कोरोना संक्रमण काल में फोटोग्राफी एक नया आयाम प्रस्तुत कर रही है। जब व्यक्ति अधिकांशतः घर के अंदर ही हैं ,देश और दुनिया से रूबरू नहीं हो पा रहा है तो ऐसे में फोटोग्राफी का महत्व और उस पर भी डिजिटल तकनीक का उपयोग अधिक सार्थक हो गया है । डिजिटल वर्ल्ड में जानकारियां अब आपके मोबाइल फोन में आसानी से उपलब्ध हो रही हैं। विभिन्न चित्रों के माध्यम से आप सूरत ए हाल जान पा रहे हैं।
रोजगार की संभावनायें:
फोटोग्राफी केवल तस्वीरों के माध्यम से जानकारी ही प्रदान करना नहीं है बल्कि, विभिन्न माध्यमों से वह आय का एक सशक्त साधन भी बन कर उभरी है । संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार एवं विभिन्न राज्य सरकारों के माध्यम से भी फोटोग्राफी के क्षेत्र में कार्य करने वाले फोटोग्राफर कलाकारों को छात्रवृत्ति एवं फेलोशिप प्रदान की जा रही है। आज विभिन्न विभागों में फोटोग्राफर के पद भी सृजित किए जाते हैं, जहां पर रोजगार की अपार संभावनाएं है। फोटोग्राफर विभिन्न माध्यमों से अपनी कला का प्रदर्शन करते रहते हैं। इसमें समय-समय पर प्रदर्शनियों के द्वारा भी अपनी भावनाओं को तथा समसामयिक घटनाओं एवं उनसे जुड़े विभिन्न आयामों को भी दूसरों तक पहुंचाते रहते हैं। फोटोग्राफी व्यवसाय क्षेत्र में एक बड़ा माध्यम बनकर उभरी है, जिसमें कलाकार व्यक्तिगत कार्यक्रमों के साथ ही साथ शासकीय कार्यक्रमों के माध्यम से भी धनार्जन कर रहे हैं।
सच भी है, हर कोई अपनी यादों का गुलदस्ता बेहतर ढंग से सजाना चाहता है। लोगों में जब तक यह भावना बनी रहेगी, तब तक फोटोग्राफी का क्षेत्र फलता फूलता रहेगा क्योंकि, फोटोग्राफी का उद्देश्य ही है, जो आज है उसे कल के लिए बचाना।
(लेख प्रस्तुति: गौरीशंकर कांडपाल संस्कृति कर्मी एवं फोटो संवाददाता)