उत्तराखंड

…. तो अब आकाशीय बिजली के बारे में मिल जाएगी पूर्व सूचना

श्रीनगर गढ़वाल। आकाशीय बिजली के बारे में पूर्व सूचना प्राप्त करने को लेकर गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर के भौतिक विज्ञान विभाग में हिमालयी क्षेत्र का पहला लाइटनिंग डिटेक्शन नेटवर्क उपकरण स्थापित हो चुका है। केंद्रीय अर्थ विज्ञान मंत्रालय की ओर से प्राप्त 25 लाख की सहायता से तैयार यह उपकरण एक हफ्ते के भीतर कार्य करना शुरू कर देगा।

इस प्रोजेक्ट के हेड भारतीय मौसम विज्ञान विभाग पुणे के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. सुनील पंवार हैं। गढ़वाल विवि के चैरास परिसर में आयोजित कार्यशाला में भाग लेने पहुंचे डॉ. पंवार ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के तहत विवि के भौतिक विज्ञान विभाग में एक ऑब्जर्वेटरी भी स्थापित की जा रही है। इससे आकाशीय बिजली चमकने के क्षेत्र के बारे में पता चलने के साथ ही बादल फटने की घटना के बारे में भी अनुमान लगाया जा सकेगा। प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी भौतिक विज्ञान विभाग के डॉ. आलोक सागर गौतम को सौंपी गई है। बताया कि लाइटनिंग डिटेक्शन नेटवर्क से आकाशीय बिजली चमकने और मौसम में आ रहे बदलाव को लेकर एसएमएस अलर्ट भेजने की व्यवस्था भी की जा रही है।

प्रथम चरण में एसएमएस आपदा प्रबंधन विभाग को भेजा जाएगा। डॉ. पंवार के अनुसार इससे पूर्व महाराष्ट्र के 12 स्थानों पर यह नेटवर्क स्थापित किया जा चुका है। अब इसे धीरे-धीरे देश के अन्य राज्यों में भी फैलाया जाएगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button