साल 1962, 1965, 1971 व 1999 के युद्धों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि.) ओपी कौशिक का शनिवार को निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली के आरआर अस्पताल में आखिरी सांस ली। सोमवार को नई दिल्ली स्थित सेना के बराड़ स्क्वेयर में अंतिम संस्कार होगा।
मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले के बेरी क्षेत्र के रहने वाले ले. जनरल (सेनि.) ओपी कौशिक लगभग 40 साल से दून के विजय कालोनी में रहते थे। उनके केयरटेकर नायक धीरज सिंह ने बताया कि दिल्ली में होने वाली राजपूताना राइफल्स की बैठक के सिलसिले से वे 23 नवंबर को दून से रवाना हुए थे। वे राजपूताना राइफल्स के चेयरमैन थे। इस दौरान रास्ते में उनकी तबीयत खराब होने पर उन्हें मेरठ के मेट्रो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद उन्हें दिल्ली स्थित सेना के आरआर अस्पताल रेफर किया गया था। जहां उपचार के दौरान उनका शनिवार रात करीब 10:15 बजे निधन हो गया। सोमवार को उनका दिल्ली में अंतिम संस्कार करने के बाद पत्नी विनोद कौशिक परिवार के सदस्यों के साथ दून आ सकती हैं।
ले.जनरल(सेनि.) ओपी कौशिक भारतीय सैन्य अकादमी से 1959 में पाउसआउट हुए थे। वे सेना में 37 वर्ष की सेवा दे चुके थे। उन्होंने मिजोरम, नागालैंड व कश्मीर की समस्या को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। ब्रिटिश आर्मी स्कूल ऑफ इंफेंट्री में चार वर्ष तक भारत का प्रतिनिधित्व करने के साथ ही उन्होंने लंदन में भारत उच्चायोग में सहायक सैन्य सलाहकार का पदभार भी संभाला। सेवा के दौरान उन्हें राष्ट्रपति द्वारा परम विशिष्ट सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, विशिष्ट सेवा सम्मान से नवाजा गया।
बेटा और पोता भी सेना में अफसर
लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि.) ओपी कौशिक के बेटे ब्रिगेडियर आकाश कौशिक के साथ ही उनका पोता भी सेना में अफसर है। ब्रिगेडियर आकाश कौशिक वर्तमान में दिल्ली में कार्यरत हैं। जबकि बेटी याशिका कौशिक एक स्कूल में प्रधानाचार्य हैं।
घर में बनाया हुआ था पुस्तकालय
ले. जनरल (सेनि.) ओपी कौशिक 82 की उम्र में भी खूब पढ़ते थे। दिन में अंग्रेजी और हिंदी के पांच अखबार पढ़ने के बाद कुछ किताबें पढ़ते थे। एक-दो मैगजीन पढ़ने के बाद एक घंटा टीवी भी देखा करते थे। उन्होंने अपने घर में एक पुस्तकालय भी बनाया है। इसमें हर विषय की किताब उपलब्ध हैं।
दून में ही मनाया था अपना 81वां जन्मदिवस
ले.जनरल (सेनि.) ओपी कौशिक ने विजय कालोनी स्थित अपने आवास में ही अपना 81वां जन्मदिवस मनाया था। जन्म दिवस पर उन्होंने अपने खास मेहमानों को बुलाया था। इस दौरान उन्होंने अपने सेना के अनुभवों को भी सबके साथ साझा किया था।
उपनल ने जताया दुख
ले. जनरल (सेनि.) ओपी कौशिक के निधन पर उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड (उपनल) ने दुख जताया। कौशिक उपनल के वरिष्ठ निदेशक थे। जबकि वह महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति भी थे। उपनल के प्रबंधन निदेशक (सेवानिवृत्त) ब्रिगेडियर पीपीएस पाहवा ने दुख जताते हुए कहा कि ले. जनरल (सेनि.) ओपी कौशिक ने देश की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है।