रुद्रप्रयाग में ग्रामीणों का मनरेगा के पैसे में धांधली का आरोप
रुद्रप्रयाग। जिले में मनरेगा में कराये जाने वाले कार्यों में गजब का खेल देखने को मिल रहा है। कार्य न करने के बावजूद भी ग्रामीणों के खाते में धनराशि डाली जा रही है और अन्य लोग ऐसे ग्रामीण से उक्त धनराशि को मांगने आ रहे हैं। वहीं कई ग्राम पंचायतों में कुछ ग्राम प्रधान जमकर चांदी काट रहे हैं। शौचालय निर्माण के बदले ग्रामीणों से पैसे मांगे जा रहे हैं। सरकारी परियोजना की धनराशि में धांधली से ग्रामीणों में गुस्सा है।
रुद्रप्रयाग जिले के ग्राम पंचायत खांखरा निवासी आरती देवी ने बताया कि उनका मनरेगा जाॅब कार्ड बना है, लेकिन वह काम नहीं करती हैं, लेकिन इसके बावजूद उनके खाते में पैसे आ रहे हैं। मनरेगा के तहत कार्य करने वाले उसे अपना मेहनतनामा बताकर उनसे पैसे लेने के लिये आ रहे हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि यह कैसे हो रहा है। जब वह ग्राम पंचायत में होने वाले कोई भी कार्य नहीं कर रहे हैं तो उनके खाते में कहाॅ से और कौन पैसे डाल रहा है। वहीं दूसरी ओर जिला ओडीएफ घोषित हो चुका है। प्रत्येक गांव और घर में शौचालय आवश्यक रूप से होने की पहल चल रही है, लेकिन ग्राम प्रधान ही स्वच्छ भारत मिशन योजना को सफल बनाने में रोड़ा अटका रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि कई प्रधान शौचालय निर्माण के लिए पैसे की मांग कर रहे हैं।
थपलगांव के ग्रामीणों ने जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल से ग्राम प्रधानों द्वारा पद का दुरुपयोग करने की शिकायत की है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि शौचालय निर्माण कराने के लिये ग्राम प्रधान ग्रामीणों से पैंसे मांग रहा है। ग्रामीणों की शिकायत पर जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने जांच के निर्देश दिये हैं। मामले में मुख्य विकास अधिकारी डीआर जोशी ने बताया कि उक्त दोनों मामले गंभीर हैं। जब कोई कार्य ही नहीं करता है तो उसके खाते में पैसे कैसे आ सकते हैं। शौचालय निर्माण के लिये ग्रामीणों से धनराशि मांगना सरासर गलत है। उन्होंने कहा है कि मामलों की जांच कराई जाएगी।
Key wOrds : Uttarakhand, Rudraprayg, MGNREGA, Villagers Accused