एससी-एसटी ऐक्ट अध्यादेश – दून में कलक्ट्रेट पहुंचकर जताया विरोध, चमोली जिले में बंद रहे बाजार
घनश्याम मैंदोली
चमोली/देहरादून। अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार अधिनियिम को लेकर केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश के खिलाफ सवर्ण समुदाय ने मोर्चा खोल दिया है। गुरूवार 06 सितंबर को एससी/एसटी ऐक्ट के विरोध में भारत बंद का असर उत्तराखंड की राजधानी देहरादून व अन्य स्थानों सहित प्रदेश के सीमांत जनपद चमोली तक देखने को मिला।
एससी/एसटी ऐक्ट के विरोध में राजधानी दून में हजारों की संख्या में युवाओं ने कलक्ट्रेट पहुंचकर अपना विरोध दर्ज कराया। सवर्ण वर्ग के संगठनों की ओर से भारत बंद के आह्वान पर एससी-एसटी एक्ट में संशोधन के विरोध में उत्तराखंड के अधिकतर जिलों में सुबह से ही बाजार बंद रहे। जिसे दूध और दवा जैसी जरूरी सुविधाएं भी ठप रहीं। वहीं प्रदेश की राजधानी देहरादून में भारत बंद बाजार खुले रहे।
चमोली जिले के कर्णप्रयाग, नारायणबगड़, थराली और गैरसैंण में बाजार बंद रहे। अखिल भारतीय समानता मंच के आवाह्न पर यहां बाजार बंद रहा। बताया गया कि इस बंद को व्यापार संघ सहित कई संगठनों का समर्थन है। रुद्रप्रयाग जिले में बंद का मिला-जुला असर देखने को मिला। चमोली जिले के गौचर में एससी एसटी एक्ट के विरोध में भारत बंद का व्यापक असर रहा। सुबह से ही बाजार पूरी तरह से बंद रहा। जिससे दूध, दवा जैसी आवश्यक सेवाओं के प्रतिष्ठान भी ठप रहे। ग्रामीण क्षेत्रों से खरीददारी करने आए ग्रामीणों को बैरंग लौटना पड़ा। सभी मेडिकल स्टोर पूर्णतया बंद रहने से मरीजों के तीमारदार दवाओं के लिए भटकते रहे। बाजार में जगह-जगह नुक्कड़ सभाओं में बैठे व्यापारी एससी एसटी एक्ट और आरक्षण के विरोध में चर्चा-परिचर्चा में मशगूल रहे।
वहीं टिहरी के चमियाला में भी बाजार बंद कर तहसील में प्रदर्शन किया गया। यहां विरोध स्वरूप जुलूस भी निकाला गया। वहीं अल्मोड़ा के चौखुटिया और हल्द्वानी के चोरगलिया बाजार में भी बंद का असर देखने को मिला।