गति फाउंडेशन की मुहिम – एसएल होण्डा में बना दून का दूसरा प्लास्टिक बैंक
देहरादून/डीबीएल संवाददाता। गति फाउंडेशनन और भारतीय पेट्रोलियम संस्थान के बीच हुए समझौते के तहत शुक्रवार को शहर में दूसरा प्लास्टिक बैंक स्थापित गया। यह प्लास्टिक बैंक देश और उत्तराखंड के सबसे बड़े टू व्हीलरशिप एसएल होण्डा की राजपुर रोड ब्रांच में खोला गया। इससे पहले शहर का पहला प्लास्टिक बैंक दृष्टि आई इंस्टीट्यूट में खोला जा चुका है।
गुरुवार को एसएल होण्डा अधिकारियों और स्टाफ की मौजूदगी में गति फाउंडेशन ने यह प्लास्टिक बैंक खोला। बताया गया कि एलएल होण्डा के देहरादून में स्थित पांच शो रूम्स से हर रोज कई नये टू-व्हीलर्स बिकते हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में टू-व्हीलर्स सर्विस के लिए आते हैं। इनमें पैकिंग आदि के लिए काफी संख्या में सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जाता है।सर्विस में इस्तेमाल किये जाने सामान की पैकिंग में भी प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जाता है। अनुमान है कि एलएल होण्डा में दून के पांचों शो रूम्स में प्रतिमाह 300 से 400 किग्रा प्लास्टिक वेस्ट निकलता है।
प्लास्टिक बैंक की स्थापना के मौके पर एसएल होण्डा के निदेशक नरेन्द्र बतरा ने अपने संस्थान में प्लास्टिक बैंक खोले जाने पर प्रसन्नता जताई। उन्होंने कहा कि इससे पहले वे अपने स्तर पर प्लास्टिक वेस्ट का निस्तारण करते थे। लेकिन, अब प्लास्टिक बैंक खुल जाने के बाद वैज्ञानिक तरीके से इसका निस्तारण हो सकेगा। उन्होंने कहा कि वे अपने संस्थानों में काम करने वाले स्टाफ को भी सिंगल यूज प्लास्टिक इस प्लास्टिक बैंक में जमा करने के लिए प्रेरित करेंगे।
गति फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल ने कहा कि शहर में यह दूसरा प्लास्टिक बैंक है। आने वाले दिनों में सभी ऐसे संस्थानों में प्लास्टिक बैंक स्थापित करने का प्रयास किया जाएगा, जहां ज्यादा मात्रा में सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जाता है। उन्होंने एसएल होण्डा के अधिकारियों, स्टाफ और आम लोगों से अपील की कि प्लास्टिक कचरे को इस तरह के प्लास्टिक बैंकों में जमा करने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि इस बैंक में जमा किये जाने वाले प्लास्टिक का इस्तेमाल भारतीय पेट्रोलियम संस्थान में लगाये गये संयंत्र में डीजल बनाने में किया जाएगा। जो प्लास्टिक इस कार्य में इस्तेमाल नहीं हो सकता, उसका वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण किया जाएगा।
इस मौके पर एसएल होण्डा के निदेशक और स्टाफ के साथ ही गति फाउंडेशन के ऋषभ श्रीवास्तव, प्यारे लाल, विदुष पांडे और प्रवीण उप्रेती माजूद रहे।