(व्यक्तित्व) :- … अब पहचान की मोहताज नहीं सोमती देवी
पंकज भार्गव
दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण की दिशा में बेहद सकारात्मक कार्य कर रहीं बरोटीवाला गांव की 43 वर्षीय दिव्यांग सोमती देवी का कहना है कि जब वह सातवीं कक्षा की पढ़ाई कर रही थीं उसी दौरान पैदा हुई आर्थो की समस्या ने उन्हें हमेशा के लिए दिव्यांग बना दिया और उनकी जिन्दगी को निराशा के अंधेरे ने घेर लिया। समाज और परिवार की नजर में वह नाकारा नजरिए से देखे जाने लगीं।
सोमती देवी ने बताया कि वह ज्यादातर समय घर की चारदीवारी के भीतर ही गुजारती थीं। स्वावलंबी बनने की उनकी तड़फ मन ही मन उन्हें कचोटती रहती और जीवन में निराशा के सिवा कुछ और नजर ही नहीं आता था। समय के साथ परिवार ने अपनी जिम्मेदारी को निभाते हुए सोमती का विवाह दिहाड़ी मजदूरी का काम करने वाले राजेश कुमार से कर दिया। राजेश ने सोमती की दिव्यांगता की पीड़ा को समझा और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया जिसके चलते सोमती ने 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई कर ली, लेकिन बच्चे होने और परिवार का आकार बढ़ने के घर खर्च सबसे बड़ी जरूरत बन गया। सोमती देवी के पति राजेश कुमार ने चार बच्चों वाले परिवार का खर्च पूरा करने के लिए दिनरात मेहनत करनी शुरू की जिसके परिणाम स्वरूप वह बीमार हो गए। इलाज के खर्च के आगे थोड़ी बहुत जमा पूंजी कुछ ही दिनों में खत्म हो गई।
सोमती कहती हैं कि 2016 में परिवार के आर्थिक हालात बुरी तरह से खराब हो गए थे। इसी दौरान दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाने की परियोजना के बारे में उन्हें जानकारी मिली। दिव्यांगजनों को अधिकार सम्पन्न व आत्मनिर्भर बनाने के लिए संचालित की गई परियोजना के लाभार्थी के रूप में जुड़ने के बाद सोमती की जिन्दगी में नई शरूआत हो गई। सोमती ने बताया कि उन्हंे परियोजना के अन्य दिव्यांग साथियों के साथ स्वावलंबी और रोजगार सम्पन्न बनने का अवसर मिला। स्वयं सहायता समूह के लाभ, जैविक खाद, मशरूम उत्पादन के बारे में प्रशिक्षण पाकर उनका आत्मविश्वास जाग उठा। उन्होंने अपने घर पर मशरूम का उत्पादन शुरू किया। स्वयं सहायता समूह में शामिल होने के अलावा उन्होंने दिव्यांग साथियों के 5 समूह निर्माण कर उन्हें भी राह दिखाने का काम किया।
सोमती कहती हैं कि वह दिव्यांगजनों की पेंशन, बस पास आदि बनवाने में उनकी मदद कर रही हैं। जागरूक और आत्मनिर्भर बन चुकीं सोमती प्रदेश के पंचायतीराज विभाग की सोशल आॅडिट की टीम की सदस्य के तौर पर भी बखूबी अपने कार्य को अंजाम दे रहीं हैं।