व्यक्तित्व

सख्शियत -ः सहज स्वभाव है घनश्याम प्रसाद मैंदोली की पहचान

 ‘‘ सामाजिक सरोकरों से जुड़े उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले के घाट निवासी श्री घनश्याम प्रसाद मैंदोली अपने सहज स्वभाव के लिए क्षेत्र में जाने व पहचाने जाते हैं। विकासखण्ड घाट के सैंती गांव के पूर्व ग्राम प्रधान रह चुके घनश्याम मैंदोली सामाजिक सांस्कृति कार्यों के अलावा आपदा की दृष्टि से बेहद संवेदनशील चमोली जिले में राहत व बचाव कार्यों में भी सबसे आगे रहते हैं। चमोली विधिक सेवा प्राधिकरण में प्रावधिक कार्यकर्ता के रूप में भी घनश्याम मैंदोली लोगों को उनके विधिक अधिकारों के प्रति जागरूक कर उन्हें सशक्त बनाने की मुहिम में जुटे हैं। मन में उमड़ते विचारों को बेहद सहजता के साथ उकेरना, उन्हें मूर्त स्वरूप देना उनकी फिदरत में शामिल है। निर्मल भारत बने महान !’ रचना स्वच्छ भारत अभियान के प्रति उनके समर्पण और लोगों को जागरूक करने के भाव को प्रदर्शित करने वाली है।  ’’

                    निर्मल भारत बने महान !

                                             घनश्याम प्रसाद मैंदोली

स्वच्छ भारत मिशन का ये है नारा, घर हो या नदी का किनारा

घर गांव हो या शहर, घोला न करो गन्दगी का जहर ।

हर घर-घर में शौचालय हो, पेयजल और मूत्रालय हो

भारत महान बने हमारा, क्या नहीं यह फर्ज तुम्हारा ?

आओ ! मिलजुल कर सब भारतवासी, अब न हो तुम अंग्रेजों के दासी।

आजाद भारत के आजाद पंछी, स्वच्छ एवं स्वच्छता के गीत गाएं मिलकर

तन जागे और जाग उठे मन, ऐसा कुछ कर दिखलायें सभी मिलकर।

सब मिलकर हाथ बटांये तो स्वच्छ भारत का सपना हो साकार।

कृष्ण-सुदामा और राम-रहीम की परंपरा वालो जागो ! समय रहते जागो,

साफ-सफाई की आदत अपनाओ, खुद को बदलो, परिवेश को स्वच्छ बनाओ।

दिल्ली में सोचे हमारी सरकार, घाट में जतन करे घनश्याम !……

नदी का हो किनारा या हो नौले की धारा, आओ ! सब मिलकर मिलकर बनायें

निर्मल -स्वच्छ – स्वस्थ , भारत देश हमारा !!!

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