इमरजेंसी के दौरान जेल जाने वाले राजनेताओं को उत्तराखंड सरकार देगी पेंशन !
देहरादून। देश में आपातकालीन अवधि (25 जून 1975 से 21 मार्च 1977) तक मीसा/डीआईआर के अधीन कारागार में निरुद्ध प्रदेश के राजनैतिक बंदियों/लोकतंत्र सेनानियों को सम्मानित किये जाने के उद्देश्य प्रदेश सरकार ने पेंशन राशि दिये जाने का निर्णय लिया है। इस सम्बंध में सूबे के प्रमुख सचिव आनन्द बर्द्धन ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को कतिपय प्रतिबन्धो के साथ निर्देश जारी किये हैं।
प्रदेश के शासन की ओर से जारी शासनादेश के अनुसार देश में आपातकालीन अवधि (25 जून 1975 से 21 मार्च 1977) तक मीसा/डीआईआर में कारागार में निरूद्ध प्रदेश के राजनैतिक बन्दियों/लोकतंत्र सेनानियों को प्रतिमाह 16 हजार रुपये सम्मान राशि दी जायेगी। यह राशि 14 जून, 2017 से देय होगी। लोकतंत्र सेनानी का तात्पर्य उत्तराखण्ड के ऐसे स्थायी निवासी व्यक्ति से है, जिसने देश में आपातकालीन अवधि में लोकतंत्र की रक्षा के लिये राजनैतिक रूप से सक्रिय रहते हुए संघर्ष किया और विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेने के फलस्वरूप जेल जाना पड़ा और उन्हें एक माह से अधिक जेल की सजा हुई हो। शर्त के अनुसार लोकतंत्र सेनानी उत्तराखण्ड का स्थायी निवासी हो एवं आपातकाल के दौरान देश की किसी भी जेल में बंद होने का प्रमाण पत्र लगाना अनिवार्य होगा, जिसकी पुष्टि संबंधित जिलाधिकारी द्वारा अपने स्तर से की जायेगी।
प्रमुख सचिव बर्द्धन के अनुसार सम्मान पेंशन राशि हेतु निर्धारित प्रपत्र पर आवेदन प्रस्तुत किये जाने पर ही संबंधित जिले के जिलाधिकारियों द्वारा सम्मान पेंशन राशि की संस्तुति शासन को भेजी जायेगी। जिसके आधार पर शासन द्वारा परीक्षणोपरान्त स्वीकृति प्रदान की जायेगी।
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