रुद्रप्रयाग में आॅल वेदर रोड निर्माण से प्रभावित ग्रामीणों ने जताया ऐतराज, मुआवजा लेने से किया इन्कार
रुद्रप्रयाग। आॅल वेदर रोड निर्माण से प्रभावित हो रहे सिल्ली के ग्रामीणों ने तहसील प्रशासन और एनएच की टीम को बैरंग लौटा दिया। टीमें प्रभावित ग्रामीणों को उनकी जमीन और आवासीय भवनों के मुआवजे के चेक देने आई थी, लेकिन प्रभावित ग्रामीणों ने मुआवजा धनराशि लेने से इन्कार कर दिया।
दरअसल, इन दिनों आॅल वेदर रोड़ निर्माण से प्रभावित होने वाले काश्तकारों को मुआवजा देने की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन प्रभावित मुआवजा लेने से इंकार रहे हैं। गुरूवार को तहसील प्रशासन और एनएच की टीम सिल्ली के प्रभावितों को मुआवजा के चेक देने गई थी, लेकिन प्रभावित ग्रामीणों ने टीम को बैरंग लौटा दिया। प्रभावितों ने कहा कि 12 मीटर तक एनएच द्वारा भूमि और आवासीय भवनों का मुआवजा दिया जा रहा है। जबकि 12 मीटर से 24 मीटर तक के आवासीय भवनांे और जमीन का मुआवजा राजस्व विभाग द्वारा दिया जा रहा है और प्रभावितों से जमीन और भूमि का मुआवजा प्राप्त करने के शपथ पत्र भरवाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग अवैध तरीके से ग्रामीणों के भवनों और भूमि को हड़पना चाहता है। प्रभावितों ने कहा कि 12 से 24 मीटर की भूमि को किसी भी हाल में सरकार को नहीं दिया जायेगा और ना ही इस भूमि का मुआवजा लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रभावित ग्रामीण किसी भी प्रकार के दस्तावेज तहसील में जमा नहीं करेंगे। आॅल वेदर रोड़ संघर्ष समिति के अध्यक्ष रमेश बेंजवाल, सह संयोजक हर्षवर्धन बेंजवाल, सह सचिव उमा प्रसाद भटट आदि ने कहा कि 12 मीटर से आगे की भूमि को किसी भी हाल में नहीं दिया जायेगा और ना ही इसका मुआवजा लिया जायेगा।
मामले में तहसीलदार श्रेष्ठ गुनसोला का कहना है कि आॅल वेदर रोड़ प्रभावितों होने वाली ग्रामीणों की भूमि को इन दिनों कब्जे में लिया जा रहा है, लेकिन कुछ प्रभावित इसका विरोध कर रहे हैं। प्रभावितों से वार्ता की जा रही है।
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