उत्तराखंड

महिला पंचायत प्रतिनिधियों को अधिकारों का पूर्ण इस्तेमाल करने पर दिया जोर

देहरादून। माउंटेन फोरम हिमालय के बैनर तले महिला पंचायत प्रतिनिधियों के दो दिवसीय राज्य स्तरीय सम्मेलन का शुभारम्भ पंचायतीराज निदेशक एवं अपर सचिव हरीशचंद्र सेमवाल ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर उन्होंने महिला पंचायत प्रतिनिधियों के द्वारा किये जा रहे कार्याें की सराहना करते हुए कहा कि महिला पंचायत प्रतिनिधियों को अपने अधिकारों का पूर्ण उपयोग करने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि पंचायतीराज विभाग एवं स्वैच्छिक संस्थायें प्रतिनिधियों के क्षमता विकास के लिए सतत कार्य कर रही है।

रविवार को पंचायत प्रतिनिधियों के राज्य स्तरीय सम्मेलन के शुभारंभ के मौके पर माउन्टेन फोरम हिमालय देहरादून के राज्य समन्वयक सुरेश सतपथी ने उत्तराखण्ड के ग्राम पंचायतों में साल में होने वाले विशेष महिला ग्राम सभा के आयोजन को वैद्यानिक दर्जा दिये जाने का सुझाव दिया। उन्होंने बताया कि सम्मेलन के माध्यम से महिलाओं को केन्द्र एवं राज्य सरकार की विकास योजनाओं के साथ ही ग्राम पंचायतों में सहभागी ग्राम पंचायत विकास योजनाओं के निर्माण पर विशेषज्ञों के माध्यम से जानकारी दी जायेगी।

पंचायतीराज विभाग के पूर्व संयुक्त निदेशक डीपी देवराड़ी ने कहा कि जागरूकता के चलते पहले की अपेक्षा आज पंचायतों में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी बढी है जिसका श्रेय सरकारों द्वारा दिये गये आरक्षण एवं महिला सशक्तिकरण की दिशा में किए जा रहे सत्त प्रयासों को जाता है। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा पंचायतों के लिए उत्तराखण्ड ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन नीति 2017 के मुख्य बिन्दुओं के बारे में भी प्रतिभागियों को विस्तार से अवगत कराया।

पंचायतीराज निदेशालय के वरिष्ठ प्रशिक्षक प्रकाश रतूडी ने कहा कि ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन में ग्राम पंचायतों की अहम भूमिका है। उन्होंने कुछ सफल ग्राम पंचायतों का उदाहरण देते हुए कहा कि सूबे की पंचायतों में रेखीय विभागों के साथ मिलकर माॅडल ग्राम पंचायत विकसित किए जाने की आवश्यकता है।

इस अवसर पर डाॅ. विरेन्द्र पैन्यूली, मध्यांचल फोरम के संतोष के सामल, बैसाखी लाल द्वारिका प्रसाद सेमवाल, नागेन्द्र दत्त, सुभाष जोशी, विशन सिह रजवार, रामचन्द्र चमोली, जगदीश बंगरवाल, बबीता, विनीता, विजय लक्ष्मी, हंसी देवी, अनिता, सरिता, मजंू, बडदेई, सुमित्रा, आदि पंचायत प्रतिनिधियों ने भी अपने सुझाव व अनुभव साझा किए।

सम्मेलन में अल्मोडा, उत्तरकाशी, बागेश्वर, रुद्रप्रयाग, टिहरी, देहरादून, पिथौरागढ़ जनपदों के महिला पंचायत प्रतिनिधियों एवं स्वैच्छिक संस्थाओं के 70 प्रतिनिधि प्रतिभाग कर रहे हैं। कार्यक्रम का संचालन कुसुम घिल्डियाल एवं अरण्य रंजन ने संयुक्त रूप से किया।

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