व्यक्तित्व

सख्सियत : स्वस्थ जीवन शैली के पर्याय हैं मेंहदी हसन जी

आज की बातपंकज भार्गव 
देहरादून में सहस्त्रधारा की पहाड़ियों के बीच स्थित है नागल हटनाला गांव … सात दशक पूरे कर चुके इसी गांव के वाशिंदे हैं … लंबे समय बाद आज मेरी उनसे दूसरी मुलाकात हुई … मेरे तिब्बती मित्र कालदेन ने एक नेचर वाॅक के दौरान हसन जी से मुझे रूबरू करवाया था …. कालदेन ने बताया था कि प्रकृति प्रेमी हसन जी जड़ी बूटियों और औषधीय पौधों के अच्छे खासे जानकार हैं …. खुशनुमा हसन जी से वह छोटी-सी मुलाकात में मुझे यह अहसास हो गया था कि आज के दौर में ऐसी सख्सियत खोजने से भी नहीं मिलती ….
परिचय देते ही एक उन्होंने मुझे एकदम पहचान लिया … सिर पर अपनी बकरियों का चारा उठाये 70 की उम्र पार कर चुके हसन जी की ऊर्जा देखकर थकान भी शर्मिंदा हो रही होगी … स्वास्थ्य का हालचाल पूछने पर उन्होंने बताया कि वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं …संक्षिप्त बातचीत में उन्होंने आज के दौर की अनियंत्रित खानपान शैली पर चिंता जताई … शाम अधिक होने के चलते उनके चाय के निमंत्रण पर मैंने फिर कभी आने की बात कहकर उनसे विदा ली …
प्राकृतिक औषधीय पौधों की जानकारी हासिल करना मेरी जिज्ञासा में शामिल है …  प्रकृति की अनमोल खजाने की जानकारी हसन जी से हासिल करने बाद आपसे जरूर साझा करूॅंगा …. ये वादा रहा !!!

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