(व्यक्तित्व) : सकारात्मक सोच के जरिए कर्तव्य निष्ठता की मिसाल बने ग्राम प्रधान उमराव बिष्ट
डीबीएल संवाददाता
“इंसान वैसा ही बनता जाता है जैसी वह सोच रखता है।” यह कथन पौड़ी जिले के थलीसैंण विकास खंड के दूरस्थ गांव मरोड़ा गांव के युवा ग्राम प्रधान उमराव सिंह बिष्ट के व्यक्तित्व पर सटीक बैठती है। सकारात्मक सोच को अपना आदर्श मानने वाले प्रधान उमराव बिष्ट ने अपनी ग्राम पंचायत में दर्जनों विकास कार्याें को अमलीजामा पहनाकर कर्तव्य निष्ठता की मिसाल पेश की है।
पहली बार प्रधान पद के दायित्व को संभाल रहे उमराव बिष्ट का कहना है कि अपने क्षेत्र और गांव के विकास के एजेंडे को लेकर उन्होंने स्वेच्छा पूर्वक ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ने का मन बनाया। उनका कहना है कि सरकार की ओर से विकास कार्यों के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से हर संभव सहयोग किया जाता है। जागरूकता और सभी लोगों के सहयोग के जरिये विकास की दिशा में सफलतापूर्वक आगे बढ़ा जा सकता है।
उनका यह भी कहना है कि कई बार सरकारी तंत्र में कुछ खामियों के चलते विकास कार्यों के लिए मिलने वाली आर्थिक मदद में थोड़ी लेटलतीफी हो जाती है परन्तु सामाजिक सरोकारों के लिए उठाये गये कदमों एवं प्रयासों की निरन्तरता बनाये रखनी चाहिए। सकारात्मक विचार मन को हमेशा अच्छा और कुछ नया करने की ताकात देते हैं।
मरोड़ा गांव के ग्रामीणों के बीच खासे लोकप्रिय ग्राम प्रधान उमराव बिष्ट ने मनरेगा, राज्य वित्त, शिक्षा विभाग आदि विभागों से मिलने वाले आर्थिक सहयोग से सड़क, पुश्ता निर्माण, सार्वजनिक शौचालय, पंचायत भवन सौंदर्यीकरण, स्कूल कक्ष आदि दर्जनों विकास कार्यों के माध्यम से ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में भी सराहनीय पहल की है।
देवभूमि लाइव न्यूज पोर्टल के संवाददाता से बातचीत के दौरान उमराव बिष्ट सरकार से शिक्षा व स्वास्थ्य की जरूरतों के लिए और अधिक मजबूत प्रयासों के साथ ही खेतीबाड़ी, जल संरक्षण को लेकर तकनीकी प्रशिक्षण को बढ़ावा दिए जाने की अपेक्षा जताई।