जागो सरकार जागो ! – विभागों के बीच झूल रहा बड़कोट का खरादी झूला पुल
शांति टम्टा
बड़कोट/उत्तरकाशी। उत्तराखंड में बारिश का आसमानी आफतों से भरा होता है। बारिश से पहाड़ों में भूस्खलन और नदियां प्रचण्ड रूप धरकर कहर बरसाना शुरू कर देती हैं। वहीं प्रदेश सरकार के प्राकृतिक आपदा से राहत बचाव को लेकर किए जाने वाले वायदे हर साल खोखले साबित होते हैं। हैरत की बात यह है कि सरकार बीती आपदाओं के जख्म तक भरने में नाकाम साबित हुई है। राज्य में आई 2013 की आपदा को पूरे 5 साल बीत जाने के बाद भी धारामण्डल क्षेत्र के लोग आज भी किसी अनहोनी को लेकर सहमे और डरे हुए हैं।
दरअसल उत्तरकाशी जिले के बड़कोट तहसील में जून 2013 की बारिश से यमुना नदी की बाढ़ ने यमुनोत्री मार्ग के खरादी क़स्बे में भारी तबाही मचाई थी यमुना नदी पर धारामण्डल क्षेत्र को झोड़ने वाला झूला पुल भी इस भारी तबाही की भेंट चढ़ गया था, जिससे क्षेत्र के दर्जनों ग्रामीणों का मुख्यधारा से संपर्क टूट गया था। विडम्बना है कि तब से लेकर आजतक ग्रामीणों को जान हथेली पर रखकर अस्थाई तरीके तारों से बंधी ट्रॉली से यमुना के उफान के ऊपर से आवाजाही करने को मजबूर हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि सबसे ज्यादा दिक्कतें तब आती हैं जब किसी बीमार या गर्भवती महिला को अस्पताल लेकर जाना पड़ता है। साथ मासूम बच्चे भी ट्रॉली में लटक कर स्कूल जाने को मजबूर होते हैं जिससे उनकी जान को खतरा बना रहता है।
ग्रामीणों का आरोप है कि अक्सर ट्रॉली से किसी न किसी के घायल होने की घटना होती रहती हैं। उनका कहना है कि ट्रॉली की देखभाल और सुरक्षा को लेकर सम्बंधित विभाग का कोई भी कर्मचारी मौजूद नहीं रहता है। स्कूली बच्चों को इस ट्रॉली की मदद से यमुना नदी को पार करके खरादी इंटर कॉलेज में पढ़ाई के आना पड़ता है जिसके चलते कई बच्चों के दुर्घटनाग्रस्त होने के मामले भी सामने आए हैं।
कुछ ग्रामीणों ने बताया कि कुछ समय पहले इस ट्रॉली की देखभाल की जिम्मेदारी एनबीसीसी कंपनी को को सौंपी गई थी, लेकिन वन विभाग ने अड़चनें पैदा करना शुरु कर दिया और विभाग ने अपने स्तर से पुल निर्माण कार्य का प्रस्ताव भेजा लेकिन तकनीकी कौशल न होने के चलते यह प्रस्ताव स्वीकृत नहीं हो पाया। पुल निर्माण में देरी के कारण ग्रामीणों ने आंदोलन तक किया और यमुनोत्री हाइवे पर सांकेतिक जाम भी लगाया, लेकिन उनकी मांग पूरी होने की जगह ग्रामीणों के खिलाफ मुकदमें दर्ज कर दिए गए।
गौरतलब है कि बड़कोट क्षेत्र स्थित खरादी पुल निर्माण की जिम्मेदारी लोनिवि की विश्व बैंक इकाई को सौंपी गई लेकिन बीते साल यह दायित्व लोनिवि बड़कोट को सौंपा दिया गया। पुल निर्माण को लेकर विभागों की अदलाबदली से पांच साल तक यह पुल विभागों के बीच झूलता रहा ।
मामले में लोनिवि बड़कोट के अधिशासी अभियंता के एक सहयोगी का कहना है कि बीते साल ही लोनिवि बड़कोट को इस पुल को बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई। विभाग द्वारा खरादी में यमुना नदी पर करीब पांच करोड़ रुपये की लागत से 120 मीटर स्पान के झूला पुल की निविदा करा दी गई है। जल्द ही अनुबंध कर जून 2019 तक पुल का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा ।