‘ऑल वेदर रोड’ मंशा और चुनौतियां
पंकज भार्गव
उत्तराखंड में नेशनल हाईवे भूमि अधिग्रहण मामले में घोटाले को लेकर हाल ही में कुमाऊं कमिश्नर द्वारा शासन को सौंपी गई रिपोर्ट में यह बात उजागर हुई है कि यह घोटाला 300 करोड़ से भी ज्यादा का है। जबकि पूर्व में इस मामले में घोटाले की धनराशि 170 करोड़ होने के कयास लगाए जा रहे थे। सूत्रों का कहना है कि नेशनल हाईवे भूमि अधिग्रहण के लिए अधिकारियों के साथ ही मुआवजा लेने वालों की भूमिका भी संदेह के घेरे में बतायी जा रही है। भ्रष्टाचार और बेहद विषम भौगोलिक हालातों में सूबे में चारधाम मार्ग विकास परियोजना (ऑलवेदर रोड प्रोजेक्ट) के निर्माण में पारदर्शिता को लेकर भी सवाल खड़े होने लगे हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 27 दिसंबर, 2016 को देहरादून के परेड ग्राउंड में 12 हजार करोड़ के ऑलवेदर रोड प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया था। इस दौरान केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी द्वारा वर्ष 2018 तक इस परियोजना को पूरा कर लेने की घोषणा भी की गई। इस प्रोजेक्ट के निर्माण से राज्य के पर्यटन व्यवसाय को को पंख लगने की संभावनाएं जताई गई हैं, लेकिन प्रदेश के भौगोलिक परिवेश और चरम पर पहुंच चुके भ्रष्टाचार के चलते इस प्रोजक्ट के निर्माण में पारदर्शिता और समयावधि को लेकर सवालिया निशान लगने लगे हैं, जिसकी साफ वजह राज्य में नेशनल हाईवे भूमि अधिग्रहण मामले में उजागर हुए घोटाले को देखकर भी समझी जा सकती है।
चार धाम ऑलवेदर रोड प्रोजेक्ट के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण में देरी को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अधिकारियों ने कार्रवाई तेज करने के निर्देश दिए हैं। मामले में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भी चिंता जताई है, लेकिन परियोजना के निर्माण को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गई है। वहीं भ्रष्टाचार, भूस्खलन, बर्फबारी जैसी चुनौतियां भी परियोजना के निर्माण कार्य में बड़ी चुनौतियां साबित होंगे। हांलाकि अब केंद्र और प्रदेश में भाजपा की सरकार है जिससे परियोजना के निर्माण में राजनीतिक कारण रोड़ा नहीं बन पाएंगे, लेकिन अब देखना यह है कि प्रधानमंत्री मोदी के मंशा के अनुरूप पारदर्शिता के साथ नियत समय में यह परियोजना पूरी हो पाएगी।
परियोजना के तहत होने हैं ये कार्य – :
-12 हजार करोड़ से 900 किमी राजमार्ग को बेहतर बनाया जाएगा।
– राष्ट्रीय राजमार्ग कम से कम 10 मीटर चौड़ा होगा।
– यात्रा को आसान बनाने के लिये मार्ग में 25 बड़े पुल, 13 बाइपास, तीन फ्लाइओवर व दो सुरंग बनेंगी।
– भूस्खलन से बचाव के लिए पहाड़ों को मजबूत बनाया जाएगा।
– 3000 करोड़ की लागत से 17 परियोजनाओं की निविदाएं जारी होंगी।
– तीर्थयात्रियों के लिए राजमार्ग पर 18 सुविधा केंद्र स्थापित होंगे।
– राजमार्ग में 154 बस स्टैंड-ट्रक पार्किंग का निर्माण होगा।
Key Words : uttarakhand, All Weather Road, Motives, Challenges