उत्तराखंड

नगांण गांव की मासूम आयुषी सांसों से लड़ रही जंग…चाहिए मददगार !!!

कमजोर आर्थिक हालातों के चलते मजबूर हो चुके पिता को अब आयुषी के इलाज के लिए मददगारों की जरूरत है

देहरादून। उत्तरकाशी जिले की तहसील बड़कोट के नगांण गांव के निवासी रामप्रकाश जुडियाल की 10 वर्षीय बेटी आयुषी दून के महंत इंद्रेश अस्पताल में बीते 4 महीने से भी अधिक समय से सांसों से जंग लड़ रही है। आयुषी की मां और पिता पलके झपकाये बिना अपनी लाडली के चेहरे पर पहले जैसी मुस्कान की आश लगाए बैठे हैं जबकि परिवार के खराब आर्थिक हालात और अस्पताल का खर्च दिन-ब-दिन इस मासूम की उखड़ी सांसों पर भारी पड़ता जा रहा है।

आयुषी के पिता ने बताया कि करीब पांच माह पूर्व आयुषी को निमोनिया की बीमारी हुई थी। स्थानीय डाॅक्टरों एवं जिला अस्पताल में आयुषी की हालत में सुधार न होता देख परिजनों ने उसे 27 जुलाई, 2018 को देहरादून के मंहत इंद्रेश हाॅस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती कराया। आयुषी की खराब हालात और सांस लेने में हो रही दिक्कत के मद्देनजर डाॅक्टरों ने उसे कृत्रिम मशीन के जरिए सांस देने की प्रक्रिया शुरू की जो अभी तक जारी है।

आयुषी के पिता का कहना है कि डाॅक्टर के अनुसार अभी लंबे समय तक आयुषी को कृत्रिम तरीके से सांस दिए जाने की जरूरत पड़ेगी। शुरूआत में आयुषी को कृत्रिम मशीन से सांस दिए जाने का खर्च 2 हजार रुपये प्रतिदिन था। 70 हजार की कीमत वाली इस मशीन का खर्च 6 हजार रुपये प्रतिमाह देना पड़ रहा है। अस्पताल के कमरे और दवाइयों का खर्च अलग से है। मासूम आयुषी के पिता रामप्रकाश मेहनत मजदूरी कर घर खर्च को पूरा कर रहे थे। कमजोर आर्थिक हालातों के चलते मजबूर हो चुके पिता को अब आयुषी के इलाज के लिए मददगारों की जरूरत है।

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