हिन्दी-गढ़वाली-अंग्रेजी शब्दकोश का लोकार्पण – शिक्षाविद् रमाकांत बेंजवाल की युवापीढ़ी के लिए एक सार्थक पहल
देहरादून। शिक्षाविद् रमाकांत बेंजवाल द्वारा रचित हिन्दी-गढ़वाली-अंग्रेजी शब्दकोश का दून के हिन्दी भवन में लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी ने कहा कि यह शब्दकोश सांस्कृतिक आलोक के शब्दों से परिपूर्ण है। रमाकांत बेंजवाल एवं उनकी धर्मपत्नी बीना बेंजवाल को इस शब्दकोश को तैयार करने में करीब सात साल का समय लगा।
रविवार को दून के हिन्दी भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में हिन्दी-गढ़वाली-अंग्रेजी शब्दकोश के लोकार्पण के मौके पर रमाकांत बेंजवाल ने कहा कि इस कोश को तैयार करने की उनकी मुख्य वजह नई पीढ़ी को अपनी लोकभाषा से जोड़े रखना है। इस शब्दकोश को हर स्तर का पाठक आसानी से पढ़ सकता है। गढ़वाली शब्दावली सीखने के इच्छुक लोगों के लिए व्याकरण एवं वाक्यांश बेहद आसान तरीके से प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने बताया कि शब्दकोश में हिन्दी के 10 हजार से अधिक शब्दों के गढ़वाली में बोलने का तरीका और गढ़वाली शब्दों का रोमन स्वरूप दिया गया है।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि अरविन्द पुरोहित, गिरीश सुन्दरियाल ने कोश निर्माण को बेहद उपयोगी बताते हुए इस अनूठी पहल के लिए रमाकांत बेंजवाल को शुभकामनाएं दीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता पद्मश्री जागर गायिका बसंती बिष्ट ने की।
इस अवसर पर डाॅ. नन्द किशोर हटवाल, मुकेश नौटियाल, सुमित्रा जुगराण, नीता कुकरेती, बीना कण्डारी, सुरेन्द्र पुण्डीर, देवेश जोशी आदि मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन भाषाविद् गणेश खुगशाल गणी ने किया।