रुद्रप्रयाग के देवर गांव में चक्रव्यूह मंचन देखने उमड़ रहे ग्रामीण
रुद्रप्रयाग। केदारघाटी के ग्राम पंचायत देवर में आयोजित पांडव लीला के तहत चक्रव्यूह मंचन को देखने क्षेत्र के हजारों लोग पहुंचे। मान्यता है कि पांडवों के सबसे बड़े भाई युद्धिष्ठिर ने मोक्ष गामी होने से पूर्व केदारघाटी के लोगों को चक्रव्यूह और कमलव्यूह के बारे में जानकारी देकर इस युद्ध कौशल से अवगत कराया था, तब से लेकर आज तक केदारघाटी के कई गांवों में इस पौराणिक मान्यता को पांडव नृत्य के रूप में आयोजित किया जाता है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि क्षेपंस सुमंत तिवाड़ी ने कहा कि केदारघाटी की परंपराओं, रीति रिवाजों तथा संस्कृति को कायम रखने की दिशा में समय-समय ऐसे आयोजन किए जाने जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि पौराणिक परंपराओं को सहेजने की जरूरत सरकार के साथ आमजन की भी है।
पांडव लीला के अनुसार कहा जाता है कि अर्जुन पुत्र अभिमन्यु को कौरवों ने धोखे से चक्रव्यूह रचाकर मार गिराया था। चक्रव्यूह के सात द्वारों पर कौरव सेना तथा रणकौशल से युक्त सात योद्धाओं ने अभिमन्यु से युद्ध किया, लेकिन अभिमन्यु ने अपने वीर कौशल और पराक्रम से छह महारथियों को तो हरा दिया लेकिन अंतिम सातवें द्वार पर जब अभिमन्यु पहुंचे तो निहत्थे बालक पर सभी महारथी एक बार झपट पड़े और वह वीरगति प्राप्त हुयी।
देवर गांव में 16 नवम्बर से पांडव लीला तथा नृत्य आयोजित किया जा रहा है। सोमवार को कमलव्यूह आयोजित करके जरासंध का वध अर्जुन करेंगे। पांडव लीला समिति तथा स्थानीय लोगों द्वारा आयोजित पांडव नृत्य को देखने के लिये सैकड़ां की तादात में ग्रामीण पहुंच रहे हैं।
इस अवसर पर केदारसभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला, ग्राम प्रधान लमगौंडी दीपा जुगरान, फहली पसालत प्रर्मिला देवी, अध्यक्ष पीजी कांलेज अगस्त्यमुनी हार्दिक बर्त्वाल, रायसिंह राणा, जगत सिंह, उपहार समिति के अध्यक्ष बिपिन सेमवाल, केदारघाटी कौथीग अध्यक्ष दिवाकर गैरोला, ज्योति बगवाड़ी, सुनील झिंक्वाण, उदय सिंह, बचन सिंह पंवार, नरेन्द्र सिंह चौहान, मनोज पांडेय, माधव कर्नाटकी समेत हजारों ग्रामीण मौजूद थे।
Key Words : Uttarakhand, Rudraprayag, Pandav Leila, Village Dewar, Chakravyuh