उत्तराखंड

गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने को लेकर आंदोलन की चेतावनी

देहरादून। प्रदेश की स्थाई राजधानी गैरसैंण बनाये जाने की मांग को लेकर विभिन्न संगठनों से जुड़े हुए युवाओं व अन्य लोगों ने मंथन किया और प्रदेश की स्थाई राजधानी गैरसैंण बनाये जाने का संकल्प लिया। शनिवार को दून के हिन्दी भवन में गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान के अंतर्गत परिचर्चा करते हुए वक्ताओं ने कहा है कि पिछले 17 सालों में केवल गैरसैंण को राजनैतिक दलों ने केवल बयानबाजी करती रही लेकिन स्थाई राजधानी के लिए किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई है। अब स्थाई राजधानी को गैरसैंण बनाये जाने के लिए व्यापक स्तर पर संघर्ष किया जायेगा।

वक्ताओं ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा की सरकारें तो गैरसैण को स्थायी राजधानी न कभी बनायेंगी और न बनने देंगी। उन्होंने आरोप लगाया कि जो माहौल पिछली हरीश सरकार ने तैयार किया मौजूदा त्रिवेंद्र सरकार भी उसी को आगे बढ़ा रही है। ग्रीष्मकालीन राजधानी की घोषणा के बाद उत्तराखंड की स्थायी राजधानी गैरसैंण होने का तो सवाल ही नहीं उठता, यह प्रस्ताव तो गैरसैंण को राजधानी बनाने से टालने की बडी कोशिश है। पहाड़ की राजधानी पहाड़ में पहुंचाकर ही इस प्रदेश को बचा पाना संभव है, गैरसैण को स्थायी राजधानी घोषित करने की बात करते हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष में होते हैं तो गैरसैण को राजधानी घोषित करने का प्रस्ताव लाते हैं।

परिचर्चा के दौरान निर्णय लिया गया कि राज्य की ‘नयी’ शुरुआत गैरसैंण राजधानी के नाम से शुरू की जाए। साथ ही प्रदेश की स्थाई राजधानी गैरसैंण को बनाये जाने के लिए वृहद स्तर पर आंदोलन किया जायेगा। बैठक की शुरूआत आंदोलनकारी जयदीप सकलानी के जनगीत से हुई।

इस मौके पर प्रदीप कुकरेती, योगेश भटट, विकास नेगी, सचिन थपलियाल, कैलाश जोशी, जयदीप सकलानी, भगवती प्रसाद, प्रदीप सती सहित कई संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे।

Key Words : Uttarakhand, Dehradun, Gairsain, Permanent capital, Warning

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