पर्यावरण संरक्षण से होगा पर्यटन का विकास : सीएम
देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि पर्वतीय क्षेत्रों में पलायन को रोकने के लिए रोजगार, शिक्षा व स्वास्थ्य की सुविधाएं उपलब्ध करवानी होंगी। खेती को लाभकारी बनाने के लिए चकबंदी व ऐरोमेटिक प्लांटेशन को बढ़ावा देना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि दून में एक टूरिज्म विलेज विकसित किया जा सकता है, जहां समूचे उत्तराखण्ड की झलक मिल सके। स्वीट्जरलैंड की तर्ज पर यहां पर्यावरण को संरक्षित रखते हुए पर्यटन को विकसित किया जा सकता है।
मंगलवार को एक स्थानीय होटल में ग्रामीण पर्यटन, कृषि व आजीविका विषय पर आयोजित सेमिनार को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड के सामरिक महत्व को देखते हुए सीमावर्ती क्षेत्रों से पलायन को रोकना आवश्यक है। सेमिनार में लंदन बिजनेस स्कूल के प्रतिनिधिमंडल ने प्रतिभाग किया। इसमें 24 देशों के छात्र-छात्राएं शामिल थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड की प्राकृतिक सुंदरता देवभूमि को अलग पहचान दिलाती है। बायो डाइवर्सिटी टूरिज्म, विंटर स्पोर्ट्स टूरिज्म, एडवेंचर टूरिज्म, रूरल होम स्टे व हेरीटेज टूरिज्म की अपार सम्भावनाएं हैं।
मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में आय की विषमताओं को दूर करने पर विशेष ध्यान देना होगा। उत्तराखण्ड में प्राकृतिक रूप से आर्गेनिक खेती होती है। अगर हम चकबंदी कर सके, तो खेती को लाभदायक बनाया जा सकता है। खेती को नए आयाम देने होंगे। एरोमेटिक प्लांटेशन पर काम किया जाना चाहिए।
कार्यक्रम में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, मुख्य सचिव एस रामास्वामी, प्रमुख सचिव डॉ. उमाकांत पंवार, मनीषा पंवार, सचिव शैलेश बगोली आदि मौजूद थे।
Key Words : Uttarakhand, Dehradun, CM, Environmental , Tourism