व्यक्तित्व
सेल्यूट – गुमनाम मगर सच्चे पर्यावरणविद् हैं रामदयाल
पंकज भार्गव / देहरादून
दून के भगवंतपुर तिराहे से पुरकल गांव जाने वाली सड़क पर रामदयाल अपने प्लास्टिक के बोरे में सड़क का कचरा इकट्ठा करते हुए दिखाई दिए। बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि रोजीरोटी की खातिर हर रोज इस काम को करते हैं। प्लास्टिक और कांच की बोतलें, रैपर्स जैसे मानवजनित कचरे को कबाड़ी की दुकान में बेचकर उन्हें 300 रुपये तक मिल जाते हैं।
देहरादून शहर को साफ-सुथरा बनाने और यहां के पर्यावरण को बचाने के लिए जहां एक ओर बड़ी-बड़ी बातें और योजनायें बनाई जाती हैं वहीं दूसरी ओर गुमनाम तरीके से रामदयाल जैसे न जाने कितने लोग अपने पेट की भूख को मिटाने के लिए स्वच्छता अभियान और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी हर रोज अपना अमूल्य योगदान दे रहे हैं।
पर्यावरण संरक्षण जैसे विषय से अनभिज्ञ राम दयाल को सही मायनों में पर्यावरणविद् कहना गलत न होगा।