उत्तराखंड

शहीद मानवेन्द्र की अंतिम यात्रा में हजारों की संख्या में उमड़े लोग

रुद्रप्रयाग। जम्मू के बंदीपूरा बार्डर पर आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए सिक्स गढ़वाल रायफल के जवान मानवेन्द्र रावत का राजकीय सम्मान के साथ पैतृक घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। शहीद के अंतिम दर्शन करने के लिए हजारों की संख्या में लोग उमड़ पड़े। इस दौरान लोगों ने शहीद मानवेन्द्र अमर रहे और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए।

शनिवार को करीब पौने बारह बजे तिरंगे में लिपटकर शहीद मानवेन्द्र का पार्थिव शरीर उनके गांव कविल्ठा पहुंचा। यहां उनके घर पर शहीद के पार्थिव शरीर को कुछ देर तक अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। जहां उनके परिजनों में कोहराम मच गया। परिजन शहीद मानवेन्द्र से लिपटकर रोने लगे। करीब सवा बारह बजे दो किमी नीचे कालीगंगा स्थित पैतृक घाट के लिए शहीद की अंतिम यात्रा निकली। अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए हजारों की संख्या में लोग उपस्थित थे। पैतृक घाट में सेना के जवानों ने हवा में तीन राउंड फायर कर शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। पैतृक घाट में शहीद मानवेन्द्र के अंतिम संस्कार के समय माहौल गमगीन हो गया। उनके भाई दिग्विजय ने उन्हें मुखाग्नि दी।

मुख्यमंत्री और राज्यपाल की ओर से जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने शहीद के पार्थिव शरीर को पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की। साथ ही उन्होंने परिवार को ढांढस बंधाया। शहीद के घर में सांत्वना देने वालों का तांता लगा हुआ है। इस मौके पर केदारनाथ विधायक मनोज रावत, पूर्व विधायक आशा नौटियाल, ब्लॉक प्रमुख संत लाल, कांग्रेस नेता सुमन तिवारी, विजय रावत समेत हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे।

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