उत्तराखंड

चकराता विकासखंड के ग्रामीण बोले – हमें नहीं होना एमडीडीए में शामिल !

डीबीएल संवाददाता / चकराता।

चकराता विधानसभा के पांच गांवों के ग्रामीणों ने मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण एमडीडीए में शामिल किए जाने पर विरोध जताया है। ग्रामीणों ने चेतवानी दी है कि यदि उनके गांवों को जबरदस्ती एमडीडीए में शामिल किया गया तो विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

चकराता विकासखंड के ठाणा, टुंगरा, बिरमोऊ, कुनावा, छटोऊ गांवों को देहरादून मसूरी विकास प्राधिकरण में शामिल किया गया है, ग्रामीणों का आरोप है की किसी भी गांव से सहमति नहीं ली गई है। ग्रामीणों ने चकराता तहसील प्रशासन को पत्र लिखकर अपना विरोध जताया है। खत स्याणा उपलगांव राजेंद्र सिंह तोमर, समाजसेवी बिरेंद्र रावत, सालक राम जोशी, आदि का कहना है की हमारी बंजर भूमि प्राधिकरण के अधिग्रहण करने के बाद ग्रामीणों को अपने पशु चुगान के साथ ही पशुओं के लिए चारे की समस्या का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उनके गांवों को ग्रामीणों की सहमति के बिना एमडीडीए में शामिल किया गया तो ग्रामीण आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।

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