स्वास्थ्य

डॉक्टरों के बंक पर अब होगी एमसीआई की नकेल

देहरादून। उत्तराखंड के बेलगाम सरकारी चिकित्सकों पर मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) ने लगाम कसी है, राज्य के सरकारी अस्पतालों में तैनात डाक्टर अब दूसरे अस्पतालों या निजी संस्थानों में अपनी सेवाएं नहीं दे सकेंगे। एमसीआई ने सरकारी और निजी दोनों अस्पतालों में आधार लिंक बायोमैट्रिक हाजिरी मशीन लगाने के आदेश दिए हैं। राजकीय दून मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा.पीबी गुप्ता ने बताया कि हर दिन सुबह जैसे ही चिकित्सक बायोमेट्रिक हाजिरी लगाएगा, तुरंत उसकी डिटेल एमसीआई के सर्वर पर पहुंच जाएगी। एमसीआई ने पूरे देश में डाक्टरों की उपस्थिति को भी इंटरनेट से जोड़ने का फैसला लिया है।

दरअसल, सरकारी अस्पतालों में सेवा देने वाले डाक्टर ज्यादा कमाई के लिए कुछ देर अपनी ड्यूटी देने के बाद दूसरे अस्पतालों या निजी संस्थानों में अपनी सेवाएं देने चले जाते हैं। इससे मरीजों को कई तरह की परेशानियां उठानी पड़ती हैं। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने पूरे देश में ऐसे डॉक्टरों पर नकेल कसने के लिए सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में आधार लिंक बायोमैट्रिक हाजरी मशीन लगाने के आदेश दिए हैं। ऐसा होने से डॉक्टर एक दिन में एक ही अस्पताल में ड्यूटी कर सकेंगे क्योंकि जैसे ही डॉक्टर अपनी हाजरी लगाएगा वह एमसीआई के सर्वर पर चला जाएगा।

वहीं दूसरी ओर पूरे देश में कई ऐसे मेडिकल कालेज हैं जो स्टाफ के लिहाज से मानकों को पूरा नहीं करते हैं। ऐसे में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के निरीक्षण के दौरान दूसरे कॉलेज से डाक्टरों की उपस्थिति दर्ज करा दी जाती है।एमसीआई ने इस तरह के मेडिकल कॉलेजों और डाक्टरों पर लगाम लगाने के लिए पहली बार बायोमैट्रिक हाजरी मशीन लगाने के आदेश दिए हैं। इस मशीन के लगने से अस्पतालों में डाक्टरों की कमी की सही संख्या का भी पता चल सकेगा।

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