उत्तराखंड

पोषाहार योजना से महिला स्वयं सहायता समूहों को जोड़ा जाए : मुख्यमंत्री

देहरादून। महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से प्रदेशभर की 20066 आंगनबाड़ी केन्द्रों में ‘‘टेक होम राशन’’ योजना व कुपोषित बच्चों को दिए जाने वाले पोषाहार ‘‘ऊर्जा’’ उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पादों मण्डुआ, भटट, घी, गुड़ व चौलाई का पका हुआ पोषाहार की आपूर्ति की जाए। बच्चों को पौष्टिक व गुणवत्ता आहार के साथ ही स्थानीय महिलाओं को रोजगार के अवसर भी मिले, इसके लिए महिला स्वयं सहायता समूहों हेतु स्किल डेवलपमेन्ट टै्रनिंग की व्यवस्था की जाए। आंगनबाड़ी केन्द्रो पर गर्भवती महिलाओं और नौनिहालों की कुपोषण जांच की निरन्तर मॉनिटरिंग की जाए।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में समेकित बाल विकास सेवाओं के तहत टेक होम राशन तथा कुपोषित बच्चों को आंगनवाड़ी केन्द्र के माध्यम से दिए जाने वाले पोषाहार ‘‘ऊर्जा’’ की प्रगति की समीक्षा के दौरान आंगनबाड़ी केन्द्रों में बाल विकास सुनिश्चित करने व कुपोषण समाप्त करने हेतु प्रतिवर्ष आवंटित होने वाले 214 करोड़ रूपयें की धनराशि का सदुपयोग, सही वितरण, लाभार्थियों को वास्तविक लाभ, पौष्टिक आहार की सुनिश्चितता हेतु प्रभावी मॉनिटरिंग की जाए। आंगनबाड़ी केन्द्रों में भोजन व पोषाहार उपलब्ध करवाने वाले स्वयं सहायता समूहों व संस्थाओं को स्वच्छता के मानकों का कड़ाई से पालन करवाया जाए।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि राज्य में मौजूद लगभग 20 हजार कुपोषत बच्चों के परिवारों को रोजगार से जोड़ने की कार्ययोजना पर कार्य किया जाए। इन गरीब व कुपोषित परिवारों को पहले से मौजूद 12 हजार स्वयं सहायता समूहों से जोड़ा जाए। इस वर्ष 8000 नए स्वयं सहायता समूह बनाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों को अच्छी उत्पादन तकनीक व पैकेजिंग का प्रशिक्षण दिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के मैदानी नगरीय झुग्गी बस्तियों में निर्धन परिवारों में कुपोषित बच्चों को चिहिन्त किया जाए तथा उनके स्वास्थ्य सुधार पर विशेष ध्यान दिया जाए। बच्चों के कुपोषण को दूर करने के साथ ही उनकी बेहतर शिक्षा पर भी ध्यान दिया जाए। मुख्यमंत्री ने नौनिहालों को दिए जाने वाले पोषाहार ‘‘ऊर्जा’’ जो कि उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पादों मण्डुआ, भटट, घी, गुड़ व चौलाई आदि से तैयार किया जाता है, की उच्च गुणवता की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही पोषाहार ‘‘ऊर्जा’’ की आपूर्ति अन्य निकटवर्ती राज्यों में करने पर विचार किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा लगभग 650 ग्रोथ सेन्टर विकसित करने की योजना के तहत स्थानीय रोजगार के अवसर पैदा होंगे। ग्रोथ सेन्टरों के माध्यम से स्थानीय लोगों द्वारा स्थानीय उत्पादों के माध्यम से स्थानीय मांगों को पूरा किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि न्याय पंचायत स्तर पर ग्रोथ सेन्टरों के माध्यम से स्कूली छात्र-छात्राओं, पुलिस विभाग, होमगार्ड, अस्पतालों में नर्सो, वन विभाग के अधिकारियों /कार्मिको की वर्दियां तैयार करवाने की कार्ययोजना पर कार्य किया जाए। वर्दिया तैयार करने हेतु स्थानीय लोगों व महिला स्वयं सहायता समूहों को स्किल डेवलपमेन्ट ट्रेनिंग सुनिश्चित की जाए।

बैठक में प्रमुख सचिव राधा रतूड़ी, मनीषा पंवार, सचिव डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय सहित महिला सशक्तिकरण व बाल विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button